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Omicron से देश में दूसरी मौत, उड़ीसा की 45 वर्षीय महिला ने तोड़ा दम….अभी रिपोर्ट का इंतजार

भुवनेश्वर।  ओडिशा में ओमिक्रॉन से दूसरी मौत हुई है। बुधवार को केंद्र सरकार ने बताया था कि ओमिक्रॉन से पहली मौत उदयपुर के एक 72 वर्षीय व्यक्ति की हुई थी।

ओडिशा के बलांगीर जिले में ओमिक्रॉन से राज्य में पहली मौत हुई है। मृतक की पहचान 55 वर्षीय महिला के रूप में हुई है, जिसकी 27 दिसंबर को संबलपुर जिले के बुर्ला में वीर सुरेंद्र साई आयुर्विज्ञान और अनुसंधान संस्थान (VIMSAR) में मौत हो गई थी। अगलपुर गांव की रहने वाली महिला का विदेश यात्रा से कोई संबंध नहीं था। बलांगीर जिला प्रशासन ने गुरुवार को एक बयान में पुष्टि की कि उसके नमूनों की जीनोम सिक्वेसिंग के बाद उसे ओमिक्रॉन से संक्रमित पाया गया था।

महिला को दौरा पड़ा था और उसे इलाज के लिए पिछले साल 20 दिसंबर को बलांगीर के भीमा भोई मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

बलांगीर की मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) के मुताबिक दो दिनों तक अस्पताल में इलाज के बाद, उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें बुर्ला के VIMSAR रेफर कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि 22 दिसंबर को मृतिका का सैंपल लिया गया था। जिसे कोविड जांच के लिए भेजा गया था। 23 दिसंबर को महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। इसके बाद जीनोम सिक्वेसिंग के लि भेजा गया। जिसमें ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई।

अभी तक हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि महिला कि मौत ओमिक्रॉन से हुई है या फिर दिल का दौरा पड़ने से। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि महिला का कोविड नमूना जीनोम सिक्वेंस के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंस (ILS) भुवनेश्वर भेजा गया था और जब तक यह पता चल पाता कि महिला covid-19 के नए स्वरूप ओमिक्रॉन से संक्रमित है, तब तक उसने दम तोड़ दिया था। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार गांव में ही कर दिया गया था। स्थानीय टीवी चैनलों पर आज राज्य में ओमिक्रॉन से पहली मौत की खबर प्रसारित होते ही मृतका के आसपास के गांव में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। क्योंकि संक्रमित महिला के अंतिम संस्कार में स्थानीय गांवों के कई लोग शामिल हुए थे। जिसके कारण गांवों में अफरातफरी मच गई है।

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