मानसून का कहर: दो दिन में 32 लोगों की मौत, सैकड़ों प्रभावित

दिल्ली। पूर्वोत्तर भारत में समय से पहले पहुंचे मानसून ने भारी तबाही मचाई है। पिछले दो दिनों में चार राज्यों—असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और मेघालय में कुल 32 लोगों की जान चली गई है। असम में 16, अरुणाचल में 9, मिजोरम में 4 और मेघालय में 3 मौतें हुई हैं।
असम में मौतों की मुख्य वजह बाढ़ और भूस्खलन रही। डिब्रूगढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर बढ़ने से आसपास के गांवों में पानी भर गया। अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट कामेंग जिले में हाईवे-13 पर एक कार भूस्खलन की चपेट में आकर खाई में गिर गई, जिसमें दो परिवारों के सात लोगों की मौत हो गई। एक अन्य हादसे में दो लोगों की जान गई।

मिजोरम के सेरछिप जिले में 13 घर भूस्खलन में ढह गए, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई। सिक्किम में हालात और भी गंभीर हैं। यहां उत्तर सिक्किम में लगभग 1500 पर्यटक फंसे हुए हैं, जिनकी सुरक्षा व राहत के प्रयास जारी हैं। हिमाचल प्रदेश में भी मौसम ने रौद्र रूप ले लिया है। 1 और 2 जून के लिए आंधी-तूफान का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
देश के अन्य हिस्सों में भी मौसम बदला-बदला नजर आ रहा है। राजस्थान के 14 जिलों में आंधी और बारिश का अलर्ट है। मध्यप्रदेश में मई में 139 वर्षों की सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। बिहार, पंजाब, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में भी बारिश और तेज हवाओं के चलते अलर्ट जारी किए गए हैं। समय से पहले आया मानसून देश के कई राज्यों में राहत के बजाय आफत बनकर आया है, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।