सरगुजा-अंबिकापुर

Paddy Issue Heated Up: मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने समिति केंद्र प्रभारियों के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज कराने के दिए निर्देश, पढ़िए क्या है पूरा माजरा

शिव शंकर साहनी@सरगुजा। (Paddy Issue Heated Up) सरगुजा संभाग में एक बार फिर धान का मुद्दा गरमा गया है. इस मामले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने समिति केंद्र प्रभारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं. इधर समिति केंद्र प्रभारियों ने निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

(Paddy Issue Heated Up) सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर और कोरिया जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में 15 करोड़ से अधिक रुपये का धान शॉर्टेज हो गया है. भौतिक सत्यापन के बाद इस मामले का खुलासा हुआ है कि  प्रति क्विंटल 1865 रुपये के हिसाब से धान की कीमत 14 करोड़ 91 लाख 90 हजार 675 रुपये की होती है. इस मामले के सामने आने के बाद सहकारी केंद्रीय बैंक प्रबंधन द्वारा ऐसे उपार्जन केंद्रों की विशेष आडिट और वसूली के अलावा एफआइआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. (Paddy Issue Heated Up) जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा चारों जिले के नोडल अधिकारी और शाखा प्रबंधकों को पत्र प्रेषित कर नियमानुसार कार्रवाई कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. 

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इधर इस मामले के सामने आने के बाद चारों जिले के समिति प्रबंधक लामबंद हो गए हैं..समिति प्रबंधकों का कहना है कि समय पर धान का उठाओ नहीं होने की वजह से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है..साथ ही धान समिति केंद्रों में बफर स्टॉक से ऊपर धान जाम होने के बाद भी धान का उठाव नहीं किया गया..  जिसका ठीकरा अब समिति प्रबंधकों पर फोड़ा जा रहा है..वही नियमों का हवाला देते हुए समिति प्रबंधकों ने कहा कि बंपर लिमिट से ऊपर धान जाम होने के बाद 72 घंटे के भीतर धान का उठाव हो जाना चाहिए था..बावजूद इसके प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया..यही नहीं समिति प्रबंधकों का यह भी कहना है कि कई समिति केंद्रों में अभी धान जाम पड़ा है..वही बारिश के मौसम में धान भीग कर खराब हो रहा है.. जबकि धान का उठाव कराने के बजाए समिति केंद्र प्रभारियों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी  जारी किया गया है..इस मामले में समिति केंद्र प्रभारियों ने सरकार से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है..

लिहाजा इस साल खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर और कोरिया जिले में धान का बंफर उत्पादन हुआ..समर्थन मूल्य के अलावा बोनस के कारण धान का रकबा भी बढ़ा था और खरीदी के पहले दिन से ही समितियों में धान की आवक भी शुरू हो गई थी..धान खरीदी पूर्ण होने के बाद समितियों से संग्रहण केंद्र से उठाव व कस्टम मिलिंग का काम चल रहा है..उपार्जन केंद्रों द्वारा खरीदे गए धान के मिलान और भौतिक सत्यापन के बाद चारों जिले में अप्रत्याशित कमी सामने आई है…चारों जिले में पहली बार 79 हजार 995 क्विंटल धान कम पाया गया है..इससे जिला सहकारी केंद्रीय बैंक प्रबंधन भी हैरत में है। अभी तक इतनी अत्यधिक मात्रा में धान की कमी कभी नहीं हुई थी। 

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