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Modi Government: जानिए तीनों कृषि कानून रद्द करने की आगे क्या है संवैधानिक प्रक्रिया, पढ़िए पूरी खबर

नई दिल्ली। मोदी सरकार (Modi Government) ने बड़ा फैसला लेते हुए तीनों कृषि कानून बिल रद्द कर दिए हैं. इसके विरोध में पिछले साल से किसान सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे थे. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई थी. इस पर कोर्ट में सुनवाई हुई. जनवरी 2021 में इस पर फैसला आया.  सुप्रीम कोर्ट ने इन तीनों कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी. साथ ही एक कमेटी भी बनाई थी. हालांकि, किसान कानून वापस लेने की मांग पर ही अड़े हुए थे. अब इस फैसले के सामने सरकार को झूकना पड़ा है. लेकिन क्या आपको पता है कानून को निरस्त करने की एक संवैधानिक प्रक्रिया होती है. जिस तरह से इस कानून को पास किया गया. इसे पूरी तरह से निरस्त करने में भी थोड़ा वक्त लगेगा. (Modi Government) सिर्फ पीएम के ऐलान से ही कृषि कानून निरस्त नहीं हुआ है. लेकिन इससे पहले आपका जानना जरूरी है कि कौन से तीन कृषि कानून बिल है जिसे लेकर (Modi Government) पिछले साल नवंबर से लेकर अबतक किसानों ने विरोध किया. इस विरोध कई विपक्षी नेताओं और लोगों का समर्थन मिला.

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क्या हैं वो तीन कृषि कानून?

1. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020

2. कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020

3. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020

आइए जानते हैं कानून को निरस्त करने की क्या है संवैधानिक प्रक्रिया….

संविधान विशेषज्ञ के मुताबिक जो भी संशोधन होना है उसे कानून मंत्रालय (Law ministry) संबंधित मंत्रालय को भेजता है. इस मामले में कृषि मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा. इसके बाद उस संबंधित मंत्रालय के मंत्री संसद में बिल पेश करते हैं.

तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए भी सरकार को संसद में बिल पेश करना होगा. संविधान विशेषज्ञ बताते हैं कि संसद में बिल पेश होने के बाद उस पर बहस होगी और वोटिंग होगी. इसका बिल अगले संसद सत्र में ही पेश किया जाने की संभावना है.

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