StateNewsदेश - विदेश

मनरेगा का नया नाम होगा पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना, काम के दिन बढ़कर 125 होंगे

दिल्ली। महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (MGNREGA) अब पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना के नाम से जाना जाएगा। शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इसके नाम परिवर्तन और काम के दिनों की संख्या बढ़ाने वाले बिल को मंजूरी दे दी। सूत्रों के अनुसार, योजना के तहत अब प्रत्येक परिवार को 125 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, जो पहले 100 दिनों तक सीमित था।

मनरेगा या NREGA को 2005 में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को रोजी-रोटी की सुरक्षा प्रदान करना और उन्हें बिना किसी कौशल के रोजगार के अवसर देना है। इस योजना के तहत राज्य के हिसाब से मजदूरी निर्धारित होती है और हर परिवार के बड़े सदस्य अपनी मर्जी से काम कर सकते हैं।

केंद्र सरकार का कहना है कि नाम बदलने और काम के दिनों में वृद्धि ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों के लिए वास्तविक लाभ सुनिश्चित करेगा। इससे गरीब और वंचित परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उनकी जीवनयापन क्षमता बढ़ेगी।

वहीं, विपक्ष ने इस कदम की आलोचना की है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार ने MGNREGA का नाम बदल कर इसे अपनी छवि में ढालने की कोशिश की है। उनका कहना था कि इसी योजना को मोदी जी पहले कांग्रेस की विफलताओं का पुलिंदा बताते थे, जबकि यह ग्रामीण भारत के लिए संजीवनी साबित हुई।

शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इसे सरकार की फ्रस्ट्रेशन की प्रतिक्रिया बताया। उनका कहना था कि नाम बदलने का फैसला जनता का ध्यान भटकाने और राजनीतिक लाभ उठाने का तरीका है।

MGNREGA की तरह ही, पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना भी ग्रामीण भारत में रोजगार की गारंटी देने और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने का काम करेगी। इस बदलाव से यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि सरकार ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दे रही है, हालांकि राजनीतिक बहसें अब भी जारी हैं।

Related Articles

Back to top button