मिशन कर्मयोगी प्लेटफॉर्म 2.0: साफ-सफाई और पेयजल की परेशानी होगी दूर, जरूरी दस्तावेज आसानी से मिलेंगे

रायपुर। प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को हाईटेक और नागरिक-केंद्रित बनाने की दिशा में मिशन कर्मयोगी प्लेटफॉर्म 2.0 की शुरुआत की जा रही है।
इस पहल के तहत नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के अधिकारियों-कर्मचारियों को आधुनिक तकनीक और प्रबंधन कौशल से लैस किया जाएगा, ताकि साफ-सफाई, पेयजल आपूर्ति और जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेजों की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हो सके।
मिशन कर्मयोगी 2.0 के क्रियान्वयन के लिए विभागीय सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इसमें नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक सदस्य सचिव होंगे, जबकि सूडा के सीईओ, विभाग के उपसचिव और सूडा के डिप्टी सीईओ सदस्य के रूप में शामिल रहेंगे। यह कमेटी पूरे प्रदेश में प्रशिक्षण व्यवस्था की निगरानी करेगी।
यह प्लेटफॉर्म नगरीय अधिकारियों को उनके काम के अनुसार दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान का विशिष्ट संयोजन प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य शहरी प्रशासन को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और भविष्य के लिए तैयार बनाना है। क्षमता निर्माण केवल कक्षा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि व्यक्तिगत, संगठनात्मक और संस्थागत स्तर पर व्यवहार में बदलाव लाने पर जोर दिया जाएगा।
कर्मयोगी प्लेटफॉर्म 2.0 की खासियत यह है कि कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी और कहीं भी ऑनलाइन प्रशिक्षण ले सकेंगे। वीडियो, क्विज और इंटरैक्टिव मॉड्यूल के जरिए पढ़ाई होगी।
यह “नियम-आधारित” की जगह “भूमिका-आधारित” प्रशिक्षण पर केंद्रित है, यानी जो कर्मचारी जिस कार्य से जुड़ा है, उसे उसी क्षेत्र से संबंधित उन्नत प्रशिक्षण मिलेगा।
इसके अलावा स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन, शहरी परिवहन, डेटा एनालिटिक्स, डिजिटल गवर्नेंस, नेतृत्व क्षमता और आपदा प्रबंधन जैसे विषयों पर भी कोर्स कराए जाएंगे।
इससे कर्मचारियों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव आएगा और वे नागरिकों की समस्याओं का समाधान अधिक संवेदनशीलता से कर सकेंगे।
प्रदेश के सभी 14 नगर निगम, 54 नगर पालिका और 124 नगर पंचायतों में यह प्रशिक्षण लागू किया जाएगा। इसके लिए मास्टर ट्रेनर्स की व्यवस्था की जाएगी, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता सुधरेगी और भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी कम होंगी।





