Bilaspur रेलवे जोन से गुजरने वाली ट्रेनों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चलाई ज रही मेरी सहेली योजना

मनीष@बिलासपुर। 28 ट्रेनों में अकेले सफर करती महिलाओं को सजग करते हुए अपने सामान एवं खुद की सुरक्षा के उपाय बताते हुए महिला रेल पुलिस अधिकारी जानकारी देतीं हैं, 139 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर ट्रेनों में होने वाली असुविधाओं की जानकारी देने की बात कही जाती है। 139 टोल फ्री नंबर पे कॉल करते ही महिला कांस्टेबल तुरंत पहुच जाती है जिससे होने वाली घटनाओं से बचाया जा सकता है।
के समय ट्रेनों में अकेले सफर करने वाली महिला यात्रियों को अब घबराने की जरूरत नहीं है। किसी तरह की परेशानी या शिकायत होने पर वे महिला आरपीएफ से इस बात को साझा कर सकती हैं। दरअसल उनकी सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल द्वारा अब रात में महिला बल सदस्य व अधिकारियों से गश्त कराई जा रही है। बिलासपुर रेल मंडल से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना का नाम मेरी सहेली रखा गया है। यह व्यवस्था अमरकंटक व सारनाथ एक्सप्रेस में शुरू हो गई है। स्टाफ संख्या बढ़ते ही अन्य ट्रेनों में स्कार्टिंग कराने की योजना है।
रेलवे के अन्य विभागों की तरह आरपीएफ में भी महिला अधिकारी व कर्मचारी हैं। आरपीएफ की जिम्मेदारी रेल संपत्ति के साथ यात्रियों और उनकी कीमती सामान की हिफाजत करना है। इस काम के लिए आरपीएफ की महिला अधिकारी व कर्मचारियों को ड्यूटी दिन में ही लगाई जाती थी। रात में पोस्ट हो या ट्रेनों की गश्त करने के लिए केवल पुरुष स्टाफ ड्यूटी पर नजर आते थे। इस स्थिति में तब ज्यादा दिक्कत होती थी, जब कोई महिला यात्रियों को किसी तरह की शिकायत या परेशानी रहती थी। कई बार ऐसा हुआ है कि वह खुलकर समस्याएं नहीं बता पाईं। उनमें झिझक रहती है। इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए यात्रियों की बेहतर सुरक्षा व सुविधा के लिए बिलासपुर रेल मंडल में महिला स्टाफ के कंधों पर जिम्मेदार बढ़ाई गई है। महिला अधिकारी व बल सदस्य ट्रेनों में रात्रिकालीन गश्त कर रही हैं। चूंकि शुरुआती व्यवस्था है, इसलिए केवल दो भोपाल-दुर्ग अमरकंटक एक्सप्रेस और दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस में स्कार्टिंग कराई जा रही है। गश्त के दौरान महिला बलकर्मी रात नौ बजे अमरकंटक एक्सप्रेस में स्कार्टिंग करते हुए अनूपपुर तक जाती हैं और वहां से सारनाथ एक्सप्रेस में गश्त करते हुए बिलासपुर रेलवे स्टेशन तक पहुंचती हैं। महिला बल सदस्यों को ट्रेन में देखकर यात्रा कर रही महिला यात्री सुरक्षित महसूस कर रही हैं। गश्त के दौरान उनसे बल सदस्य समस्या भी पूछती हैं।
आरपीएफ पोस्ट में लगाई जा रही ड्यूटी
ट्रेनों के साथ-साथ आरपीएफ पोस्ट में महिला अधिकारी व बल सदस्यों की ड्यूटी लगाई जा रही है। यह व्यवस्था रेल मंडल के लगभग सभी पोस्ट व आउटपोस्ट में हैं, ताकि रात में यदि किसी महिला यात्री को परेशानी हो तो उनकी मदद की जा सके। बिलासपुर मंडल में 27 महिला अधिकारी व बल सदस्य पहले आरपीएफ में महिलाओं की कमी थी। इसलिए चाहकर भी सुरक्षा की यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाती थी। अब बिलासपुर रेल मंडल की बात करें तो 27 अधिकारी व बल सदस्य हैं। इनकी ड्यूटी नियमित लगाई जा रही है। गौरतलब है कि इस सम्बन्ध में बिलासपुर रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त ऋषि शुक्ला ने बताया कि महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर जोन मुख्यालय स्तर पर नए-नए प्रयास किए जाते हैं। आइजी के आदेश पर ही ट्रेनों में रात्रिकालीन गश्त व आरपीएफ पोस्ट में रात्रिकालीन ड्यूटी लगाई जा रही है। आगे कोशिश रहेगी की अन्य ट्रेनों में महिला स्टाफ से स्कार्टिंग कराई जाए। ताकि महिलाओं को ट्रेनों में होनी वाली समस्याओं का समाधान तुरंत हो सके और माहिला यात्रियों में सुरक्षा की भावना महसूस हो सकें! इसके अलावा मौके पर मौजूद ड्यूटी ऑफिसर मनीषा ने इसे अपनी नैतिक जिम्मेदारी के तरह लिया है, इनकी माने तो महिलाओं को सुरक्षा हर लिहाज से महत्वपूर्ण है।
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