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माशिम एक्शन: उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में लापरवाही 120 शिक्षकों पर लगा बैन

रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने दसवीं और बारहवीं बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन में गंभीर लापरवाही पर 120 शिक्षकों को कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। इन पर 2 से 5 साल तक मंडल के किसी भी कार्य से प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही राज्य शासन से उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने की अनुशंसा की गई है।

इस वर्ष 30 हजार से अधिक कॉपियों का रिवैल्यूएशन हुआ। कई मामलों में छात्रों के अंक 20 से लेकर 50 तक बढ़ गए। कक्षा 10वीं के एक छात्र के सोशल साइंस पेपर में 50 से अधिक अंक बढ़ने पर जांजगीर-चांपा के एक शिक्षक को 6 साल का प्रतिबंध और वेतन वृद्धि रोकने की सिफारिश की गई। इसी तरह 6 अन्य शिक्षकों की जांची कॉपियों में 41 से 49 अंक तक बढ़े, जिनमें संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी और गणित विषय के शिक्षक शामिल हैं। इन्हें 5 साल परीक्षा कार्य से अलग कर वेतन वृद्धि रोकने की अनुशंसा की गई।

59 शिक्षकों को 3 साल के लिए मंडल के सभी कार्यों से वंचित किया गया। इनमें सोशल साइंस के 16, हिन्दी के 14, संस्कृत के 11, अंग्रेजी और विज्ञान के 7-7 तथा गणित के 4 शिक्षक हैं। इनकी कॉपियों में 20 से 40 अंक तक वृद्धि पाई गई। कक्षा 12वीं में 54 शिक्षकों पर कार्रवाई हुई।

संस्कृत, राजनीति विज्ञान, लेखाशास्त्र, व्यवसाय अध्ययन और कृषि विषय की कॉपियों में 41 से 49 अंकों की वृद्धि मिली। इनमें से 7 शिक्षकों को 5 साल और 47 को 3 साल तक परीक्षा कार्य से प्रतिबंधित किया गया है। दोषी शिक्षकों में हिन्दी के 11, अंग्रेजी के 5, भौतिक के 3, रसायन के 6, जीव विज्ञान के 3, गणित के 1, व्यवसाय अध्ययन के 5, अर्थशास्त्र के 4, कृषि के 2, फसल उत्पादन के 2 और पशुपालन के 1 शिक्षक शामिल हैं। माशिमं ने साफ किया है कि भविष्य में मूल्यांकन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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