गरियाबंद

Gariyaband: मुंगझर सरपंच के खिलाफ पंच ने खोला मोर्चा, मनरेगा कार्य में जेसीबी लगाने के साथ 15वें वित्त की राशि में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप

रवि तिवारी@देवभोग। मुंगझर सरपंच संजू कश्यप के खिलाफ पंचायत के एक पंच ने मोर्चा खोल दिया हैं। पंचायत के वार्ड क्रमांक 12 के पंच सहदेव सिंह नेताम ने एसडीएम को दिए गए आवेदन में जिक्र किया हैं कि मुंगझर नाला में चेकडेम निर्माण कराया जा रहा हैं। जिसे 17 फरवरी को जेसीबी से करवाया जा रहा था। कार्य के दौरान मौके पर सचिव महेंद्र सिंह ठाकुर भी मौजूद था। वहीं सचिव के सामने कार्य जेसीबी से करवाया जा रहा था। पंच ने एसडीएम को बताया कि मनरेगा का कार्य जेसीबी से नहीं करवाया जाना हैं लेकिन चेकडैम निर्माण में जेसीबी लगाया गया था,जो कि गलत हैं।

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15वे वित्त की राशि में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप

पंच ने सरपंच और तत्कालीन सचिव पर 15वे वित्त की राशि में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया हैं। पंच ने आवेदन में जिक्र किया हैं कि 15वे वित्त की राशि से ग्राम सोनामुंदी में चबूतरा निर्माण किया जा रहा है। पूरी राशि 97 हज़ार 446 रुपये निकालने के बाद भी कार्य अधूरा हैं। वहीं 15वे वित्त की राशि से मुंगझर-कांडपारा सड़क मार्ग में कार्य नहीं होने के बाद भी 88 हज़ार 524 रुपये निकाला गया हैं,पंच ने आरोप लगाया हैं कि फर्जी तरीक़े से राशि निकालकर गबन किया गया हैं।

सोनामुंदी में दो साल से मनरेगा का कार्य नहीं हुआ स्वीकृत

पंच ने एसडीएम को दिए गए आवेदन में जिक्र किया हैं कि मुंगझर पंचायत के आश्रित ग्राम सोनामुंदी में पिछले 2 साल से मनरेगा का कार्य स्वीकृत नहीं हुआ हैं। वहीं मनरेगा का कार्य स्वीकृत नहीं होने से लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा हैं। पंच ने एसडीएम को बताया कि रोजगार नहीं मिलने से पलायन जैसी सम्भावना बन रही हैं।

सरपंच ने कहा आरोप बेबुनियाद और झूठा

मामले में मुंगझर सरपंच संजू कश्यप ने सारे आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया हैं। सरपंच ने कहा कि चेकडैम निर्माण में जेसीबी नहीं लगाया गया हैं। सरपंच के मुताबिक निर्माण स्थल में बड़े-बड़े पेड़ थे, उसके जड़ को निकालने के लिए जेसीबी लाया गया था। वहीं सरपंच ने कहा कि 15वे वित्त की राशि में कहीं कोई भ्रष्टाचार नहीं किया गया हैं। उन्होंने कहा कि मुंगझर-कांडपारा में सड़क का कार्य ही नहीं हुआ हैं तो राशि कैसे निकाल सकते हैं। सरपंच ने सोनामुंदी में मनरेगा कार्य स्वीकृत नहीं होने की बात को भी स्वीकारा। श्रीमती कश्यप ने कहा कि गॉव में भूमिसुधार और डबरी के लिए जगह ही नहीं हैं। वहीं एक ही तालाब में मनरेगा का कार्य हो सकता हैं। हमने कार्य के लिए प्रस्ताव उच्च कार्यालय को भेज दिया हैं।

मामले में देवभोग अनुविभाग के एसडीएम टीकाराम देवांगन ने कहा कि मनरेगा में जेसीबी लगाए जाने का शिकायत प्राप्त हुआ हैं, वहीं 15वे वित्त की राशि में भी भ्रष्टाचार का आरोप पंच ने लगाया हैं। जांच के लिए जनपद सीईओ को निर्देशित किया गया हैं। जांच रिपोर्ट आते ही तथ्यों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

वहीं सोनामुंदी में मनरेगा का कार्य स्वीकृत नहीं होने के सवाल पर पीओ शिवकुमार नवरंगे ने कहा कि गॉव में कोई भी व्यक्ति अपने निजी जमीन पर डबरी या फिर भूमिसुधार नहीं करवाना चाहता। वहीं गॉव में जो तालाब हैं। उसमें दो साल पहले कार्य हो चुका हैं। मनरेगा के नियम के मुताबिक तीन साल में सम्बंधित तालाब में दूसरा कार्य स्वीकृत होता हैं। इसी के चलते ही वहां कार्य स्वीकृत नहीं हो पा रहा हैं। वहीं सचिव महेंद्र ठाकुर ने भी कहा कि मनरेगा के कार्य में जेसीबी का उपयोग नहीं किया गया हैं।

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