
अनिल गुप्ता@दुर्ग. जिले के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गये है। तो वहीं शहर में भी अब बाढ़ का पानी लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनने लगा है। चंगोरी गांव जहाँ टापू में तब्दील हो गया है, तो वही शिवनाथ में मोंगरा बैराज से छोडे गये पानी के कारण दुर्ग शहर को राजनांदगांव जिले से जोड़ने वाले मार्ग के ऊपर तक पानी भर गया है। जिसके कारण आवागमन पूरी तरह टूट चुका है।
ये गांव आए बाढ़ की चपेट में
ग्राम चंगोरी किसी टापू से कम नजर नही आ रहा है। जिला प्रशासन के अनुसार राजनांदगांव के मोंगरा जलाशय से 13 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण मोंगरा गांव पूरी तरह से डूब चुका है। इसके अलावा बोथली, अलबरस ,कोनारी भरदा मौहलाई कोटनी गांव भी पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ चुका है। बाढ़ का पानी घुटनो तक आ गया है। दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा का कहना है। जहाँ भी लोगो के फंसे होने की सूचना मिल रही है। वहां बचाव दल लोगो को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने का काम कर रहा है। साथ ही भोजन दवाइयों के साथ जरूरी सामान भी बाढ़ पीड़ितों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
नवजात शिशु सहित 25 लोगों को एसडीआरएफ की टीम ने किया रेस्क्यू
ग्राम आलबरस बाढ़ से फंसे एक नवजात शिशु सहित 25 लोगों को एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। इसी तरह से मौहलाई ,कोटनी गांव में भी बाढ़ का पानी घुस आया है। और तो और नदी का बढ़ता जलस्तर अब दुर्ग शहर में भी घुस आया है। जिसके कारण दुर्ग से बालोद और राजनांदगांव जिले को जोड़ने वाले मार्ग को आज रात तक के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।