धान खरीदी में बड़ी पेंडेंसी: प्रदेश में 11.39 लाख खसरों की एंट्री नहीं, 10 जिलों में सबसे खराब स्थिति

रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी प्रक्रिया के बीच एक बड़ा खुलासा सामने आया है।
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए तैयार की गई एग्रीस्टैक सूची के अनुसार प्रदेश के 2 करोड़ 52 लाख 17 हजार 727 कृषि खसरों में से 11 लाख 39 हजार 676 खसरों की एंट्री अब तक नहीं हो पाई है। यह बड़ी पेंडेंसी आगामी दिनों में किसानों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है, क्योंकि बिना एंट्री वाले खसरों पर धान की खरीदी संभव नहीं होगी।
प्रदेश में 15 नवंबर से 2,739 केंद्रों में धान खरीदी शुरू हो चुकी है। हड़ताल के चलते 15 हजार कर्मचारी काम पर नहीं हैं, लेकिन शासन ने वैकल्पिक व्यवस्था बना दी है। बावजूद इसके, जिन किसानों ने अब तक अपने खसरों की एग्रीस्टैक में एंट्री नहीं करवाई है, उन्हें खरीदी केंद्रों में धान बेचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
सबसे अधिक लंबित खसरे
एग्रीस्टैक के अनुसार जशपुर जिला सबसे ऊपर है, जहां 99,366 खसरों की एंट्री लंबित है। इसके बाद बिलासपुर में 79,296 और सरगुजा में 76,252 खसरों का पंजीकरण अधूरा है। अधिकारियों ने साफ कहा है कि “बिना एंट्री वाले खसरों से धान खरीदी नहीं होगी”, इसलिए किसान जल्द लोक सेवा केंद्र या च्वाइस सेंटर में जाकर प्रक्रिया पूरी करें।
हालांकि राज्य शासन की ओर से इस पर कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है, लेकिन विभाग के मुताबिक जिन किसानों के UFR आवेदन लंबित हैं, उनकी सूची तैयार कर ली गई है और लगातार अपडेट की जा रही है।
धान बेचने का पंजीयन 25 नवंबर तक
जिन किसानों का पंजीयन छूट गया था, उन्हें सरकार ने 19 से 25 नवंबर तक फिर मौका दिया है। सभी तहसीलदारों को पोर्टल में अतिरिक्त समय लागू करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
अवैध धान पर लगातार कार्रवाई
पिछले 24 घंटे में प्रशासन ने तीन जगहों पर छापा मारकर 2220 बोरी अवैध धान जब्त किया है। सबसे बड़ी कार्रवाई पत्थलगांव क्षेत्र में हुई, जहां 1400 बोरी धान जब्त कर राजस्व विभाग को सौंपा गया। अधिकारियों ने साफ कहा है कि धान का अवैध भंडारण नियमों का उल्लंघन है और इस पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।





