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अंतर्राज्यीय साइबर ठगी गिरोह का मुख्य सरगना, पत्नी समेत 5 गिरफ्तार, ठग गिरोह देश के विभिन्न राज्यों में किए हैं करोड़ों रूपये की ऑनलाइन ठगी

नितिन@रायगढ़। बीते नवंबर महीने में एसपी अभिषेक मीना के दिशा निर्देशन एवं एडिशनल एसपी संजय महादेवा के मार्गदर्शन पर सीएसपी रायगढ़ अभिनव उपाध्याय के नेतृत्व में थाना पुसौर के धोखाधड़ी मामले में रायगढ़ पुलिस की टीम कोलकाता के दमदम इलाके में संचालित कॉल सेंटर में दबिश देकर 8 युवक और 14 युवतियों को गिरफ्तार कर रायगढ़ लाया था । पुलिस की रेड के दरमियान कॉल सेंटर का संचालक वरूण सिंह, उसकी पत्नि सलोनी प्रिया, उसका भाई रजनीश और रजनीश की पत्नी फरार थे ।

आरोपियों की तलाश में जुटी थी पुलिस

एसपी अभिषेक मीना के दिशा निर्देशन पर विगत डेढ़ माह से पुसौर और सायबर सेल की टीम इन आरोपियों की पतासाजी में जुटी हुई थी । रायगढ़ पुलिस की सक्रियता को जानकर आरोपियों ने अपने गृहग्राम बिहार और पश्चिम बंगाल के ठिकाने से फरार होकर लुकाछिपी खेल रहे थे । पुलिस टीम उन तक ना पहुंचे इसलिए बड़ी चालाकी से शातिर आरोपी अपनी मोबाइल और सिम को लगातार बदल रहे थे और ज्यादातर मोबाइल बंद कर रखा करते थे । रायगढ़ पुलिस के दबाव को देखकर लुक छिप रहे आरोपी अंततः फिर पश्चिम बंगाल आये। जिन्हें दमदम इलाके में देखे जाने की सूचना रायगढ़ पुलिस को मिलने पर तत्काल पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीना द्वारा सीएसपी रायगढ़ अभिषेक उपाध्याय तथा थाना प्रभारी पुसौर निरीक्षक सीताराम ध्रुव के नेतृत्व में साइबर सेल और पुसौर थाने की संयुक्त टीम का गठन कर कोलकाता आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रवाना किया गया । सीएसपी अभिनव उपाध्याय के नेतृत्व में रिकॉर्ड एक ही दिन में पुलिस टीम द्वारा मुख्य आरोपी वरुण सिंह के भाई रजनीश सिंह उर्फ गोरख और उसकी पत्नी मधु उर्फ गोली सिंह को हिरासत में लेने में सफल हुई, मगर वरुण सिंह और उसकी पत्नी सलोनी सिंह फरार थे और उनका मोबाइल स्विच ऑफ था । अंतिम बार जिस मोहल्ले में उन्हें देखा गया था। वह काफी बड़ा एरिया होने से पुलिस टीम को आरोपियों की पतासाजी में परेशानी हो रही थी ।

सीएसपी अभिनव उपाध्याय को मिल चुका था क्लू

इस केस में पूर्व से संलग्न सीएसपी अभिनव उपाध्याय उनके ठगी के तरीके और उनकी गतिविधियों से भलि- भांति परिचित थे । आरोपियों के वृंदावन मंदिर जाने की जानकारी सीएसपी अभिनव को थी जिसे लेकर सीएसपी रायगढ़ के साथ पुलिस टीम उस क्षेत्र के एक- एक कर सत्संग भवन, धर्मशाला और मंदिरों को चेक किए। इस दौरान एक मंदिर का कपाट बंद दिखा पुलिस को संदेह हुआ और पूरी टीम गोपनियता बरतते हुए मंदिर के पुजारी को अपने विश्वास में लेकर पूछताछ किया। आरोपियों के परिसर के एक कमरे में छिपे होने की जानकारी पर टीम घेराबंदी कर उन्हें हिरासत में लिया गया । पूछताछ में वरूण सिंह अपने परिवारजनों के साथ कॉल सेंटर में काम करने वाली युवती आसीमा रॉय को भी बड़ी जिम्मेदारी दिया था.आरोपी वरूण सिंह से मिली जानकारी पर पुलिस की एक टीम द्वारा दफ्ताबाद (कोलकाता) क्षेत्र से आरोपी आसीमा रॉय को हिरासत में लिया। पांचों आरोपियों को पुलिस टीम रायगढ़ लाकर थाना पुसौर के अपराध क्रमांक 357/2022 धारा 420,120 बी, 34 आईपीसी 66 (डी) आईटी एक्ट के मामले में गिरफ्तार कर JMFC रायगढ़ के न्यायालय में पेश कर आरोपियों का 07 दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है ।

आरोपी वरुण सिंह अपने नाम के बैंक खातों में नहीं रखता था रुपए

आरोपी वरुण सिंह अपने नाम के बैंक खातों में रुपए नहीं रखता था । उसने कॉल सेंटर में काम करने वाली आसीमा राय के नाम से बैंक खाता खुलवा कर ठगी के रकम उस खाते में प्राप्त करता था और बड़ी चालाकी से रुपए निकाल लेता था । आरोपिया आसीमा रॉय भी इस खाते का प्रयोग कर रुपए निकाला करती थी ।
आरोपी ठगी से प्राप्त रकम से दमदम सुभाष नगर कोलकाता में 14 लाख फ्लैट लेने तथा अपने पिता के नाम पर गांव में 7 बीघा जमीन 7 लाख रूपये में जमीन खरीदना और 8 लाख रूपये में हनुमान मंदिर बनाये जाने तथा अपने स्टाफ को दर्जिंग और थाईलैंड टूर कराने में करीब 10 लाख खर्च करने सहित अन्य चल-अचल सम्पत्ति खरीदी की जानकारी प्राप्त हुई है ।

22 आरोपियों का अब तक जमानत नहीं

पुलिस टीम आरोपी वरुण सिंह से एक लाल रंग का बुलेट दुपहिया वाहन,1 टेबलेट और 3 मोबाइल, उसकी पत्नी सलोनी सिंह से 1 मोबाइल, उसके भाई रजनीश से 1 मोबाइल,रजनीश की पत्नी से 1 मोबाइल और आसीमा रॉय से 1 मोबाइल जप्त किया गया है । आरोपियों के बैंक खातों की जानकारी पर आरोपी सलोनी प्रिया के बैंक खाते में 80,000 रुपए होने की जानकारी मिली है । पुलिस टीम वरुण सिंह के टेबलेट तथा आरोपियों के मोबाइल चेक किया जा रहा है । पूर्व में गिरफ्तार 22 आरोपियों का अब तक जमानत नहीं हुआ है ।

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