रायपुर। महाशिवरात्रि इस साल 26 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन बहुत से लोग यह सवाल करते हैं कि उन्हें शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए या भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग पूजा एक प्राचीन और शुभ परंपरा मानी जाती है।
शिवलिंग भगवान शिव के निराकार रूप का प्रतीक है, जो सृष्टि, पालन और संहार के द्योतक हैं। पुराणों में शिवलिंग पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। महाशिवरात्रि पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। शिवलिंगग नहीं होने पर शिव मूर्ति की पूजा भी कर सकते है।
इस तरह करें पूजा
- सबसे पहले गंगाजल या शुद्ध जल से शिवलिंग को स्नान कराएं।
- फिर दूध, दही, घी, शहद और शक्कर (पंचामृत) से अभिषेक करें।
- बेलपत्र, धतूरा, भस्म, अक्षत और फूल चढ़ाएं।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- आरती करें और भोग अर्पित करें।
भोलेनाथ को ये भोग चढ़ाकर करे प्रसन्न
- ठंडाई – भगवान शिव का प्रिय भोग माना जाता है। ठंडाई में भांग मिलाने से यह और भी अधिक प्रभावी होती है। इस दिन ठंडाई का भोग अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
- मालपुआ – शिव जी को मीठे पकवानों में मालपुआ विशेष रूप से प्रिय है। महाशिवरात्रि पर पूजा के बाद इसे अर्पित करें। अगर इसमें भांग मिलाएं, तो यह और भी शुभ माना जाता है।
- हलवा – महादेव को हलवा बहुत प्रिय है। सूजी या कूट्टू के आटे का हलवा बनाकर भगवान शिव को अर्पित करें। इससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कष्ट दूर होते हैं।
- लस्सी – शिव जी को मीठी लस्सी भी प्रिय है। महाशिवरात्रि के दिन लस्सी का भोग चढ़ाएं और प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। यह जीवन में सकारात्मकता और शांति लाता है।
- भांग के पकौड़े – शिव शंकर को भांग बहुत प्रिय है। भांग की पत्तियों के साथ पकौड़े बनाकर अर्पित करने से विशेष फल मिलता है और शिव कृपा बनी रहती है।