Mahasamund: बारिश ने खोली प्रशासन की पोल, खुले आसमान के नीचे रखे है धान, पानी में भीगे, अब अधिकारी दे रहे रटारटाया जवाब
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मनीष@महासमुंद। जिले मे बीती रात से हो रही बारिश ने धान खरीदी के लिए किये गये इंतजामो की पोल खोल कर रख दी है। अधिकांश धान खरीदी केन्द्रों मे खुले आसमान के नीचे धान रखे होने के कारण बारिश मे धान भींग गये हैं। जहां आज जिले मे बारिश के कारण सभी धान खरीदी केन्द्रों मे धान खरीदी बंद है ,वही आला अधिकारी सारा इंतजाम किये जाने का रटारटाया राग अलाप रहे है ।
85 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य
महासमुंद जिले मे 81 सोसायटी के 152 धान खरीदी केन्द्रों के माध्यम से 85 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य है। जिसके लिए जिले के 150315 किसानो ने अपना पंजीयन कराया है। 1 दिसंबर से लेकर आज तक लगभग 93 हजार किसानों ने 3529001.60 लाख क्विंटल धान विक्रय किया है। जिसमें से 1,25,4756 लाख क्विंटल धान का परिवहन किया जा चुका है। शेष 2274245.2 लाख क्विंटल धान अभी सोसायटियों मे पडा है। जिसका रख रखाव ठीक से नहीं होने के कारण बारिश मे भींग कर बर्बाद हो रहा है । सोसाइटी मे जमीन पर पानी बह रहा है और धान वही रखा हुआ। जिससे अन्नदाताओ के खून पसीने से उपजाया धान बारिश के कारण खराब हो जायेगा। किसान का कहना है कि धान बेचने के लिए देखने आया था ,पर बारिश के कारण धान खरीदी बंद है और यहा रखा धान बारिश मे भींग रहा है ।
नोडल अधिकारी ने इंतजाम के दिए आदेश
इस पूरे मामले मे धान खरीदी के नोडल अधिकारी का कहना है कि इंतजाम करने का आदेश दिया गया है और बारिश के कारण धान खरीदी बंद है ।
नहीं हुआ है चबूतरे का निर्माण
गौरतलब है कि जिले के कई धान खरीदी केन्द्र ऐसे है जहाँ धान रखने के लिए आज चबूतरे का निर्माण नहीं हुआ है ।बारिश के कारण फूल गोभी, टमाटर इत्यादि की खेती करने वाले किसानों को भी नुकसान हुआ है। बहरहाल देखना होगा कि धान को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन आखिर क्या कदम उठायेगा ।