बाघिन बिजली की मौत पर महंत ने उठाए सवाल: राज्यपाल को लिखा पत्र, बोले – इलाज में लापरवाही बरती गई

रायपुर। एशिया के सबसे बड़े मानव निर्मित जंगल सफारी की युवा बाघिन ‘बिजली’ की गुजरात के वनतारा में असामयिक मौत को लेकर छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने वन विभाग और जंगल सफारी प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। महंत ने इस मामले में राज्यपाल को पत्र लिखकर अधिकारियों और डॉक्टरों पर लापरवाही और अनुभवहीनता का आरोप लगाया है और कठोर कार्रवाई की मांग की है।

जानकारी के अनुसार, बिजली का अंतिम संस्कार गुपचुप तरीके से अंबानी के वनतारा में किया गया। बावजूद इसके, आठ दिन बाद भी उसकी अंतिम संस्कार की कोई तस्वीर जारी नहीं की गई। अधिकारियों ने मौत के संबंध में पारदर्शिता भी नहीं दिखाई। इस घटना की जानकारी 10 अक्टूबर को वनतारा के ऑफिशियल इंस्टाग्राम पेज से मिली थी।

महंत ने पत्र में खुलासा किया कि बाघिन बिजली ने फरवरी 2025 में दो शावकों को जन्म दिया, जिनमें से एक मृत पैदा हुआ और दूसरा भी कुछ ही दिनों बाद अस्वस्थ होकर मर गया। गर्भावस्था और उसके बाद की देखभाल के दौरान मुख्य वाइल्डलाइफ वार्डन और सफारी संचालक की उपेक्षा तथा अनुभवहीन डॉक्टरों के कारण बिजली को सही समय पर उचित इलाज नहीं मिल सका, जिससे उसकी असमय मौत हुई।

नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल से कहा कि वन्यजीवों की देखभाल और इलाज में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मांग की है कि उच्च अधिकारियों और डॉक्टरों की जांच कर, दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

महंत का कहना है कि बाघिन बिजली की मौत न केवल जंगल सफारी की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाती है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों की भी गंभीर चुनौती है। वन विभाग को भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त नियम और निगरानी लागू करनी होगी।

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