मद्रास हाई कोर्ट ने कहा- घरेलू कामों में पुलिस कर्मियों का इस्तेमाल अवैध, मांगी रिपोर्ट

चेन्नई. मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि पुलिस में व्यवस्थित अभ्यास बल का मनोबल गिराएगा और दोहराया कि घरेलू काम के लिए पुलिस कर्मियों का उपयोग करना अवैध है।
न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम ने कहा कि आईपीएस अधिकारियों के लिए आवासीय सहायकों की नियुक्ति की जा सकती है लेकिन प्रशिक्षित कांस्टेबलों को घरेलू काम करने के लिए आदेश के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए वर्दीधारी कर्मियों का उपयोग करना अवैध है।
अदालत ने कहा कि उन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए जो कांस्टेबलों को ऑर्डरली के रूप में इस्तेमाल करते हैं और जरूरत पड़ने पर उन पर आपराधिक मामला भी दर्ज कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रशिक्षित कांस्टेबलों को लगभग 45,000 रुपये का वेतन मिलता है और उन्हें आदेश के रूप में इस्तेमाल करना तुरंत बंद कर देना चाहिए। कोर्ट ने सभी आदेशों को वापस लेने का आदेश दिया है।
तमिलनाडु के गृह सचिव के फणींद्र रेड्डी ने मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उन्होंने डीजीपी को इस मुद्दे का समाधान करने और चार सप्ताह में एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।