प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से घर-घर पहुंचा एलपीजी गैस कनेक्शन : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से गांव-गांव में घर-घर तक एलपीजी गैस कनेक्शन पहुंचा है, जिससे हमारे पेड़ भी सुरक्षित हैं, हमारे वन भी सुरक्षित हैं और हमारा पर्यावरण भी सुरक्षित है। इससे हमारी माता – बहनें भी धुंए से होने वाली परेशानियों से सुरक्षित हैं।
मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में छत्तीसगढ़ इंडेन एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मेलन एवं एलपीजी वितरकों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक पुरंदर मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री सहित अतिथियों ने 25 वर्षों से गैस कनेक्शन वितरण और रिफिलिंग का कार्य कर रहे एलपीजी वितरकों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आप लोगों ने शुरआती चुनौती भरे दौर में लोगों को गैस कनेक्शन देने का जो कार्य किया, उसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं। आज घरेलू गैस की सुविधा जिस तरह से आसान हुई है, उसके पीछे भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ ही इस कार्य से जुड़े डिस्ट्रीब्यूटर्स की भी अहम भूमिका है। हाल के वर्षों में घरेलू गैस उपभोक्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की उज्ज्वला योजना के चलते बड़ी संख्या में उपभोक्ता जुड़े। वर्तमान में इस योजना के 12 करोड़ से अधिक उपभोक्ता हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे इंडेन के डीलर शहरी क्षेत्रों में तो हैं ही, वे आदिवासी क्षेत्रों में भी पूरे लगन से अपनी सेवा दे रहे हैं। उज्ज्वला योजना आज सबसे सफल योजना इसलिए बन पाई क्योंकि इंडेन जैसी एजेंसी के डीलर्स का नेटवर्क सबसे अंदरूनी क्षेत्रों तक फैला है। आज जिन डीलर्स का सम्मान हुआ है, उन्होंने उपभोक्ता सेवा के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है। उज्ज्वला योजना ने करोड़ों महिलाओं को धुँए से मुक्ति दिलाई है। इसका श्रेय हमारे प्रधानमंत्री जी को है ही, आपको भी है जिन्होंने हर घर में समय पर इसकी डिलीवरी कराई।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए कहा कि उन दिनों वे स्वयं लकड़ी जला कर खाना बनाते थे। बरसात के दिनों में लकड़ी गीली रहती थी, तब मिट्टी तेल डाल कर लकड़ी जलाना पड़ता था, लकड़ी जलने के समय आंखे लाल हो जाती थी। हम लोगों को रिफिलिंग करने 150 किलोमीटर दूर रायगढ़ आना पड़ता था। गैस कनेक्शन के लिए डेढ़ से दो वर्ष इंतजार करना पड़ता था। सांसदों को गैस कनेक्शन दिलाने के लिए साल में 100 कूपन मिलते थे। लोगों में इसके लिए होड़ लगी रहती थी। अटल जी के शासन काल और बाद के समय में इसमें आसानी होती गई, जनता के लिए गैस कनेक्शन लेना आसान हो गया। उन्होंने आदिवासी अंचलों और ग्रामीण क्षेत्रों में रिफिलिंग का परसेंटेज बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।