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सैन्य सेवा में बीमारी होने पर मिलेगी ताउम्र दिव्यांगता पेंशन: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि सैन्य सेवा के दौरान ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियां होने पर उसे दिव्यांगता माना जाएगा, और संबंधित अधिकारी को जीवनभर दिव्यांगता पेंशन मिलेगी। यह फैसला ग्रुप कैप्टन गिरीश कुमार जौहरी के मामले में सुनाया गया, जिन्होंने 31 वर्षों तक वायुसेना में सेवा दी थी।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सैन्य सेवा के दौरान मानसिक तनाव और दबाव सामान्य हैं और इन्हीं के कारण ऐसी बीमारियां विकसित हो सकती हैं। यदि भर्ती के समय कोई पूरी तरह स्वस्थ था और सेवा के दौरान बीमार हुआ, तो वह सेवा से जुड़ी दिव्यांगता मानी जाएगी।

जस्टिस हरिशंकर और जस्टिस अजय दिग्पॉल की पीठ ने केंद्र सरकार और वायुसेना की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें AFT द्वारा दिव्यांगता पेंशन देने के आदेश को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने AFT के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि ग्रुप कैप्टन को वर्ष 1996 से दिव्यांगता पेंशन का भुगतान किया जाए।

50 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा पेंशन

कोर्ट ने यह पेंशन वेतन के 50% हिस्से के रूप में तय की है, साथ ही 1996 से अब तक की बकाया राशि पर 6% वार्षिक ब्याज भी देने का आदेश दिया गया है। यह पेंशन सामान्य रिटायरमेंट पेंशन से अलग होगी। अदालत ने तीन महीने के भीतर भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश केंद्र सरकार को दिया है। यह फैसला उन हजारों सैन्यकर्मियों के लिए राहत का संदेश है, जो सेवा के दौरान बीमारी से पीड़ित हुए हैं।

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