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सड़क हादसे में पैसों की तंगी के कारण नहीं होगी मौत, राज्य सरकार कराएगी घायलों का ईलाज

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को तत्काल राहत देने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब किसी भी सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को इलाज के लिए पैसे की चिंता नहीं करनी होगी, क्योंकि राज्य सरकार ने सभी अस्पतालों को पहले सात दिन तक कैशलेस इलाज अनिवार्य कर दिया है। यह व्यवस्था राज्य के भीतर ही नहीं, बल्कि देशभर के मान्यता प्राप्त अस्पतालों में लागू होगी।

राज्य सरकार के इस फैसले के तहत छत्तीसगढ़ के 134 स्वास्थ्य विभाग से मान्यता प्राप्त अस्पतालों और राज्य के बाहर स्थित 61 अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। दुर्घटना की स्थिति में इन अस्पतालों को बिना एक भी रुपया लिए घायल का इलाज करना होगा। इलाज की यह सुविधा दुर्घटना के पहले सात दिन तक या अधिकतम 1.50 लाख रुपए तक की राशि तक सीमित होगी।

यह आदेश हाल ही में भारत सरकार के राजपत्र में 5 मई 2025 को प्रकाशित “कैशलेस उपचार स्कीम 2025” अधिसूचना के आधार पर जारी किया गया है। राज्य में सड़क सुरक्षा की निगरानी और समन्वय के लिए पुलिस मुख्यालय (PHQ) में गठित अंतरविभागीय लीड एजेंसी ने यह निर्देश प्रदेश के सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को भेजा है, ताकि इसका तत्काल प्रभाव से पालन सुनिश्चित किया जा सके।

इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी व्यक्ति की जान सिर्फ इस कारण न जाए कि उसके पास तत्काल इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। यह सुविधा विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, जो अकसर हादसों के बाद इलाज के भारी खर्च से जूझते हैं।

सरकार की इस पहल से न केवल सड़क दुर्घटना पीड़ितों को जीवन रक्षक उपचार शीघ्र मिलेगा, बल्कि अस्पतालों में भर्ती प्रक्रिया भी त्वरित होगी। यह निर्णय राज्य सरकार की संवेदनशीलता और जनहित की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उम्मीद की जा रही है कि इस योजना से कई लोगों की जान बचाई जा सकेगी और इलाज में देरी की समस्याओं पर भी रोक लगेगी।

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