कुवैत अग्निकांड: 40 भारतीयों की मौत, शवों की नहीं हो सकी पहचान, खौफ में इन राज्यों के परिवार

नई दिल्ली। कुवैत में हुए अग्निकांड में मरने वालों के शवों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई हैं. जानकारी यह भी मिल रही है कि मरने वालों में अधिकतर केरल और तमिलनाडु के रहने वाले हैं. इस हादसे की खबर के बाद दोनों राज्यों के परिवारों में गम का माहौल है. प्रधानमंत्री ने कुवैत में आग की घटना से संबंधित स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की है.
जानकारी के मुताबिक इमारत में बुधवार की सुबह आग लगने से 49 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए. मरने वालों में 40 भारतीय शामिल हैं। केरल के कोल्लम जिले में एक परिवार प्रार्थना कर रहा है कि बुधवार सुबह उन्हें जो खबर मिली, वह गलत हो जाए. कुवैत में आग लगने की घटना में उनके घर से एकमात्र कमाने वाले शमीर की मौत हो गई. दक्षिण केरल के इस जिले के वैयंकारा गांव के रहने वाले शमीर पिछले कुछ सालों से कुवैत में काम कर रहे थे. सुबह करीब 11.30 बजे उनके परिवार को एक दोस्त से शमीर की आग की वजह से मौत के बारे में सूचना मिली.
परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘अभी तक कंपनी या दूतावास की ओर से कोई आधिकारिक बातचीत नहीं हुई है. हमें आग में घायल हुए एक सहकर्मी के परिवार से घटना के बारे में पता चला.’
घटना को देखते हुए स्थानीय राजनीतिक नेता मदद के लिए आगे आए हैं. नेताओं ने दिल्ली और तिरुवनन्तपुरम में अधिकारियों से संपर्क किया है. स्थानीय नेताओं ने शमीर की स्थिति के बारे में जल्द से जल्द अपडेट देने का आग्रह किया है.
पिनाराई विजयन ने एस जयशंकर को लिखा पत्र
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर कुवैत में आग लगने की घटना में केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की है. इस घटना में ज्यादातर मलयाली लोगों की जान गई है. अपने पत्र में विजयन ने कहा कि उन्हें ऐसी खबरें मिली हैं कि कुवैत के मंगाफ में एनबीटीसी कैंप के नाम से जाने जाने वाले एक कैंप में आग लग गई है और केरल के कुछ लोगों सहित कई भारतीयों की जान चली गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
विजयन ने जयशंकर को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कुवैत सरकार से संपर्क करके राहत और बचाव कार्यों का समन्वय करने के लिए भारतीय दूतावास को जरूरी निर्देश दें.’