Koreya: सिस्टम की मार! उच्च अधिकारियों से लगाई गुहार…मगर ना मिला वेतन..अब दर-दर भटककर भीख मांगने को मजबूर दिव्यांग


संजय गुप्ता@कोरिया। (Koreya) सरकार दिव्यांगो के उत्थान के लिए लाख कोशिश कर ले लेकिन सरकारी तंत्र में बैठे लोग ही सिस्टम को अपंग बना कर रख देते हैं। ऐसे ही सिस्टम की मार एक दिव्यांग व्यक्ति झेल रहा है। दर दर भटक कर भीख मांगने को मजबूर है। सिस्टम ने हीं इनके साथ अच्छा मजाक कर रखा है।
(Koreya)विकासखंड सोनहत के सलका गांव के रहने वाले रुपेश जो कि छोटे हाइट और पैरों से विकलांग है। हालांकि डंडा के सहारे ये चल फिर लेते हैं।
(Koreya)जिला प्रशासन ने कैंप लगाकर दिव्यांगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए शासकीय कार्यालयों में कलेक्टर दर में नियुक्त किया था। उनमें से एक रुपेश भी थे। जिनको एसडीएम कार्यालय में भृत्य पद पर रखा गया था।
कई महीनों से नहीं मिला वेतन
दिव्यांग रूपेश को कई महीनों से पेमेंट ही नहीं दिया गया। जिसको अब मुश्किलों का सामना करना पड रहा है। घर की स्थिति डगमगा गई और भूखे रहने की नौबत आने लगी है। कई बार उच्च अधिकारियो से गुहार भी लगाई। लेकिन सिस्टम ने एक भी नही सुना तो फिर रूपेश ने नौकरी छोड़कर रोड पर आने को मजबूर हो गया।
गांव की गलियों में मांग रहा भीख
आज वह सोनहत और अन्य गावों में गली गली भीख मांग रहा है। पूछने पर रूपेश ने बताया कि मुझे बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़त रहा है। पत्नी के साथ सलका मे रहते है। मजबूरी ऐसी की गांव-गांव जाकर भीख मांग कर गुजर बसर कर रहा हूं। दुसरा कोई सहारा नही है । इनका दर्द देखते ही साफ हो गया कि सिस्टम को ही अपंग बना दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर कितने दिनो बाद सिस्टम सुधरती है और दिव्यांग रूपेश की समस्या दूर कब हो पाती है।
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