कोपरा जलाशय को मिलेगा रामसर स्थल का दर्जा, राज्य वेटलैंड प्राधिकरण ने भेजा प्रस्ताव

रायपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर बिलासपुर जिले स्थित कोपरा जलाशय को रामसर स्थल घोषित करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। राज्य वेटलैंड प्राधिकरण ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। प्राकृतिक और मानव निर्मित विशेषताओं से युक्त यह जलाशय जल संसाधन, सिंचाई और जैव विविधता का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है।
मंत्री कश्यप ने कहा कि रामसर सूची में शामिल होने से कोपरा जलाशय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। यह जलाशय मुख्य रूप से वर्षा जल और आसपास के छोटे नालों से भरता है और क्षेत्र के किसानों के लिए प्रमुख सिंचाई स्रोत है। इसके आसपास की उपजाऊ भूमि कई गांवों की कृषि को सहारा देती है, जबकि ग्रामीणों की पेयजल जरूरतें भी इसी जल स्रोत पर निर्भर हैं।
यह क्षेत्र जैव विविधता के लिए भी बेहद समृद्ध है। हर वर्ष बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी यहां पहुंचते हैं। जलाशय में विभिन्न प्रजातियों की मछलियां, जलचर जीव, उभयचर, सरीसृप, जलीय पौधे और कीट-पतंगे प्राकृतिक रूप से繁वर्धित होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कोपरा जलाशय रिवर टर्न, कॉमन पोचार्ड और इजिप्शियन वल्चर जैसे दुर्लभ पक्षियों के संरक्षण के लिए उपयुक्त स्थल है। यही वजह है कि यह रामसर मानदंड 02, 03 और 05 को पूरा करता है।
राज्य सरकार का मानना है कि प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर जलाशय को अंतरराष्ट्रीय संरक्षण मिलेगा और वैज्ञानिक, पर्यावरणीय तथा पर्यटन महत्व भी बढ़ेगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, जैव विविधता संवर्धन और ग्रामीण आजीविका विकास से जुड़ी गतिविधियों को और मजबूती दी जाएगी, ताकि स्थानीय लोगों की आजीविका और प्राकृतिक संसाधनों में संतुलन बना रहे।



