देश - विदेश

जानें 49 मंजिला इमारत का रहस्य…26 सालों से खाली है ये ‘भूतिया टावर’

एक 49 मंजिला इमारत कुल 26 सालों से खाली पड़ी है. इसकी कीमत 4 अरब रुपये से भी अधिक है लेकिन इसका कंस्ट्रक्शन कभी पूरा नहीं हो सका और इसके खंडहर होने के चलते इसे घोस्ट टावर कहा जाने लगा. इस टॉवर का आर्किटेक्चर शानदार है लेकिन दुख की बात है कि इमारत पूरी तरह से अस्त-व्यस्त और बेकार हो चुकी है. इसकी कीमत £40 मिलियन (4.06 अरब रुपये) से ज्यादा है.

ये बिल्डिंग1990 में बनना शुरू हुई. तब डेवलपर्स ने अमीर थाई परिवारों के लिए 49 मंजिलों के लक्जरी कॉन्डोमिनियम का वादा किया था. हालाँकि, सात साल बाद, 1997 में एशियाई वित्तीय संकट के चलते इसका काम अचानक रुक गया. घोस्ट टावर उन लगभग 500 निर्माण परियोजनाओं में से एक थी, जिन्हें बंद करने के लिए मजबूर किया गया था.

हालांकि बाद में कई अन्य परियोजनाएं फिर से शुरू हुई हैं, लेकिन सैथॉर्न यूनिक खंडहर ही बनी रह गई. अब ये बिल्डिंग बस अर्बन व्लॉगर्स के बीच फेमस है जो सोशल मीडिया कंटेंट बनाने के लिए इस इमारत पर चढ़ते हैं. 

चढ़ने पर लगाया बैन, फिर भी…

हालाँकि, 2014 में सुरक्षा कारणों से 185 मीटर ऊंचे टॉवर पर चढ़ने पर बैन लगा दिया गया था, फिर भी लोग इमारत के ऊपर और अंदर से तस्वीरें और वीडियो ऑनलाइन शेयर करते दिखते हैं. चाओ नदी के शानदार व्यू वाले सैथॉर्न यूनिक को आर्किटेक्चर और प्रॉपर्टी डेवलपर रंगसन टोर्सुवान द्वारा डिजाइन किया गया था, जिन पर निर्माण शुरू होने के सिर्फ तीन साल बाद थाईलैंड के सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष प्रामसन चांस्यू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया. मामला 15 साल तक चला और 2008 में उन्हें दोषी पाया गया.

बिल्डिंग पर लटका मिला था शव

इसके बाद उनके बेटे, पंसिट ने इस परियोजना को अपने हाथ में ले लिया, और टोर्सुवान को बाद में 2010 में कथित अपराध के लिए बरी कर दिया गया. इसके बाद दिसंबर 2014 में, एक स्वीडिश व्यक्ति का शव इमारत की 43 वीं मंजिल पर लटका हुआ पाया गया. इसके बाद साल 2015 में, पंसिट ने घोषणा की कि वह टावर पर अतिक्रमण करने वाले लोगों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए सुरक्षा गश्त बढ़ाएगा.

Related Articles

Back to top button