Kanker: हड़ताल मे बैठे मनरेगाकर्मी व रोजगार सहायक, ये हैं मांगे
विनोद साहू@कांकेर। छत्तीसगढ़ मे कांग्रेस पार्टी शासन मे आये हुए विगत 3 वर्ष हो गया है पर अब तक अपने चुनावी जनघोषणा पत्र मे नियमितीकरण का वादा किया गया था पर अब तक पूर्ण नहीं किया गया है!जिसके विरोध मे समस्त मनरेगा कर्मचारी व रोजगार सहायको की दो प्रमुख मांगे है चुनावी जन घोषणा पत्र को आत्मसात करते हुए समस्त मनरेगा कर्मचारियो का नियमितीकरण किया जावे, नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक ग्राम रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारित करते हुए समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के साथ पंचायत कर्मी नियमावली लागू करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय आह्वान पर समस्त मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर हैं छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के सदस्यों ने बताया कि कार्यरत अधिकारी कर्मचारी एवं ग्राम रोजगार सहायक विगत 15 वर्षों से निरंतर कार्य कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के द्वारा समय-समय पर नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर आवाज उठाया जा रहा है लेकिन शासन के द्वारा हर बार उनके मांगों को अनसुना कर दिया गया है मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल में चले जाने से गांव गांव में होने वाले मनरेगा कार्य पूर्णता बंद हो चुके हैं जिससे मजदूरों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है और पलायन की स्थिति बन रही है! बता दे महिला प्रदर्शनकारियों नें नये नये तरीके तरीके अपनाकर अपने मांगो को ध्यानाकर्षण शासन प्रशासन से कर कर रहीं है चार दिनों से हड़ताल मे बैठे है पर अब तक उनकी मांगो पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है रोजगार सहायिकाओं नें स्लोगन भी दिया है सरकार को समझाने छत्तीसगढ़ी भाषा में हाथ मे मेहंदी से लेबो नियमितीकरण का स्लोगन लिखा है! सभी महिलाओ नें सामूहिक रूप से हाथ मे लिखवाकर सरकार को सन्देश देने की कोशिश की है!महिला कर्मचारियो नें कहा जब से हड़ताल शुरू हुआ है मनरेगा का कार्य ठप हो गया है!