कांकेर (उत्तर बस्तर)

Kanker: 310 व्यक्तियों को 26 लाख रुपये का मुआवजा राशि, हाथियों ने फसल एवं संपत्ति को पहुंचाया था नुकसान, वन विभाग ने दी ये जानकारी

देवाशीष विस्वास@कांकेर। (Kanker) जिले में जंगली हाथियों द्वारा कई बार किसानों का वेशकीमती फसलो का काफी नुकसान पहुंचा था, पिछले दो महीने पहले हाथियों ने कांकेर जिले में दस्तक दी थी, उस समय वन विभाग ने किसानों एव गांव वाले को हाथियों के साथ किसी भी प्रकार का छेड़खानी करने से सख्त मना किया था(Kanker)  एव वन विभाग ने बताया था कि हाथियो के द्वारा किसानों का फसलो का नुकसान पहुंचाने पर वन विभाग किसानों का फसल का मुआवजा देने की बात कही थी।

(Kanker) कांकेर वनमण्डल अंतर्गत चारामा एवं नरहरपुर परिक्षेत्र में हाथियों के द्वारा 86.701 हेक्टेयर क्षेत्र में 288 किसानों की फसल हानि एवं 13 व्यक्तियों की संपत्ति का नुकसान करने के कारण प्रभावित 301 व्यक्तियों को 26 लाख 03 हजार 75 रूपये का मुआवजा राशि भुगतान किया गया है। हाथियों द्वारा नरहरपुर परिक्षेत्र के 105 किसानों के 23.989 हेक्टेयर एवं चारामा परिक्षेत्र के 183 किसानों के 62.712 हेक्टेयर क्षेत्र के फसल का नुकसान किया गया था, जिसके एवज में किसानों को 25 लाख 41 हजार 975 रूपये और नरहरपुर परिक्षेत्र के 07 व्यक्ति एवं चारामा परिक्षेत्र के 06 व्यक्तियों के संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था, जिसके एवज में उन्हें 61 हजार एक सौ रूपये का भुगतान किया गया है।

इस आशय की जानकारी देते हुए वनमण्डलाधिकारी अरविन्द पी.एम. ने बताया कि कांकेर वनमण्डल अंतर्गत वर्ष 2019 के मई माह में 02 हाथियों का प्रथम आगमन हुआ था, जो सीता नदी की ओर से परिक्षेत्र सरोना अंतर्गत ग्राम दुधावा, कोटलभट्टी से सांईमुण्डा, रावस, पुसवाड़ा, मोहपुर,  व्यास कोंगेरा होते हुए कुलगांव बीट के लुलेगोंदी तथा जीवलामारी में विचरण करते हुए 25 मई को पूर्व भानुप्रतापपुर वनमण्डल के आमाबेड़ा क्षेत्र की ओर चले गये थे। इस दौरान हाथियों द्वारा कांकेर वनमण्डल में किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया गया, वर्ष 2020 में धमतरी वनमण्डल के जंगलों से गुजरते हुए 14 जून से 21 जून तक चंदा हाथी के नेतृत्व में 22-23 हाथियों का दल परिक्षेत्र नरहरपुर के ग्राम मरादेव, बदबनी, मुरूमतरा, मारवाड़ी, बागडोंगरी के जंगलों में विचरण किये, उसके बाद 16 सितम्बर को पुनः परिक्षेत्र नरहरपुर सीमा के क्षेत्र में हाथियों का दल देखा गया, जो ग्राम मुरूमतरा, मारवाड़ी, देवीनवागांव क्षेत्र में 22 सितम्बर तक विचरण करते हुए ग्राम हल्बा, हाराडुला, तांसी एवं डोकला में पहंुचकर चारामा परिक्षेत्र सीमा में 24 दिनों तक विचरण कर कई कृषकों के फसल एवं संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, इस बीच 28 सितम्बर को ग्राम थानाबोड़ी में प्रवेश कर 15 किसानों के फसलों को नुकसान पहुंचाया गया तथा 18 नवम्बर से 21 नवम्बर तक चारामा परिक्षेत्र में हाथियों के दल द्वारा उत्पात किया गया और 28 नवम्बर से 02 दिसम्बर तक चारामा परिक्षेत्र सीमा मंे ही रहे  एवं 06 दिसम्बर को हाथियों का दल पुनः नरहरपुर क्षेत्र में पहुंचकर ग्राम नरहरपुर, भजनाहालारी, ईमलीपारा, बदबनी, मर्रामपानी के जंगलों से होते हुए परिक्षेत्र चारामा के ग्राम पलेवा की ओर चले गये। उसके बाद 08 दिसम्बर से 12 दिसम्बर तक उप परिक्षेत्र लखनपुरी के ग्राम पलेवा तथा बाड़ाटोला में पहुंचे, जहां उनके द्वारा किसानों के फसल एवं संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस दौरान हाथियों के दल द्वारा किसी भी प्रकार की जनहानि एवं पशु हानि नहीं की गई , उनके द्वारा केवल फसल एवं संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। जिसके एवज में प्रभावित व्यक्तियों को मुआवजा राशि का वितरण किया गया है।

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