Janjgir-Champa: ये बस संयोग ……या रास्ते से हटाने की थी प्लानिंग……10 अप्रैल को सोशल मीडिया पर पुष्पराज ने पोस्ट वायरल किया….एक महीने बाद मिली लाश…….Video
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जांजगीर-चांपा। (Janjgir-Champa) भष्ट्राचार इसकी जड़ इतनी गहरी हो गई है कि यदि कोई ईमानदार कर्मचारी इसके लिए आवाज उठाता है तो उसकी लाश पुष्पराज की तरह बीच सड़क पर मिलती है। पुष्पराज की मौत कोई संयोग तो नहीं हो सकता है। उसने सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाई….सोशल मीडिया के जरिए बेबाक तरीके से अपनी बातों को जनता के सामने रखा। अगले दिन विभाग की ओर से जारी गोरखधंधे को जनता के सामने रखने वाला था। लेकिन उसके एक दिन पहले यानी कि 13 मई को उसकी लाश मिली। ये महज आत्महत्या या कोई घटना तो नहीं हो सकता। पुष्पराज के गले में बिजली का वायर बंधा था। अब परिजनों ने इसे हादसा नहीं हत्या मान रहे हैं। और बार-बार शासन से इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। वहीं पुष्पराज के भाई जगदीप ने इसे 100 प्रतिशत हत्या बताया है। इस घटना पर लेकर उन्होंने जांच की मांग की है।
10 अप्रैल को पुष्पराज का फेसबुक पर एक पोस्ट जमकर वायरल होता है. जिसमें वो लिखता है….. “मेरे उपर किसी भी तरह का फर्जी एफआईआर होता है, या किसी भी परिस्थिति में मेरी मौत होती है तो मेरी मौत की जिम्मेदार जांजगीर एसपी पारूल माथुर होंगी”…….और एक महीने बाद उसकी मौत। क्या अधिकारी उसके खुलासे से इतने डर गए थे कि उन्हें अपना पद बचाने के लिए आरक्षक पुष्पराज को रास्ते से हटाना पड़ा।
13 मई की रात कांस्टेबल स्कूटी से जा रहा था। उसी समय बिजली का तार उसके गले में लिपट गया…..अब यहां बिजली विभाग पर भी लापरवाही को लेकर सवाल उठता है….सड़क के किनारे लगे खंभों में बिजली के तारों का मरम्मत नहीं हुआ…क्या लोगों की जिंदगी इतनी सस्ती हो गई है कि लापरवाह बिजली विभाग लापरवाही कर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहा है। अब हम अपने मुद्दे पर आते हैं….इस घटना का प्रत्यक्षदर्शी शराब भट्टी का गार्ड बना। जिसने हादसे की सूचना पुलिस को फोन कर दी। पुलिस मौके पर पहुंची। फिर मामला दर्ज कर आगे की जांच में जुट गई।
0-पुलिस महकमे की पोल खोलने वाला था…
वैसे वर्दी को हम आम लोगों का रखवाला समझते हैं…लेकिन जब वहीं भष्ट्राचार में संलिप्तत हो जाए तो आम जनता कैसे भरोसा करें। खबर तो ये भी है कि पुष्पराज पुलिस सिस्टम की पोल खोलने वाला था। पुलिस अधिकारियों के संरक्षण में जांजगीर जिले में सट्टा, अवैध शराब का संगठित कारोबार चल रहा है, फेसबुक के माध्यम से उसे भी उजागर कर रहा था। और इसी दौरान उसकी मौत हो गई। कानून के जानकारों का कहना है, जांच में सभी पहलुओं को लेना चाहिए। वकीलों का मानना है प्रकरण में विस्तृत जांच की गुंजाईश बनती है।
इस मामले की जानकारी उसने उच्चाधिकारियों को भी दी थी। लेकिन उसे चुप करा दिया गया और उलटे धमकी दे दी गयी। और सबसे खास बात ये कि जिस दिन उसकी मौत हुई, कि पुष्पराज की मौत को हादसा बताकर जिस तरह फाइल क्लोज कर दी गयी, दरअसल में काफी सारे पेंच अभी भी हैं, जिसकी जांच बेहद जरूरी है। विभागीय अनुग्रह राशि परिजनो ने लौटाई
पुष्पराज के परिजनों ने विभाग से मिलने वाली राशि को वापस लौटाया
परिजनों ने अनुग्रह राशि लेकर आये विभाग के अफसरों को ये कहकर वापस लौटा दिया कि ” ये पैसा फलां-फलां अधिकारियों को दे दिया जाए, क्योंकि उन्हें पैसों की बहुत जरूरत होती है।”
पुष्पराज के भाई ने वीडियो जारी कर बड़े पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कल जांजगीर पुलिस अधीक्षक ने जो मजिस्ट्रेरियल जांच की सिफारिश की उसकी निंदा पुष्पराज के परिजनों ने की है। पुष्पराज के भाई ने आगे कहा कि ये हादसा नहीं है, ये सोची समझी साजिश के तहत एक फूल प्लान मर्डर हैं। इसकी दोषी एसपी, टीआई सक्ति, एसडीओपी मुख्य आरोपी है। 10 अप्रैल को मेरे भाई ने फेसबुक पर पोस्ट किया था कि अगर मेरी हत्या होती है तो इसकी जिम्मेदार पारुल माथुर होगी। हम 100 प्रतिशत कहते है कि यह सोची समझी साजिश के तहत मर्डर है। जिसको ये हादसे का रूप देना चाहते हैं। और अपने बचाव के लिए मजिस्ट्रेट जांच की पहल कर रहे हैं। अब ये तभी साबित होगा जब जांच रिपोर्ट सामने आएगी। पुष्पराज की मौत एक हादसा था .. या सोची समझी साजिश…