Janjgir-Champa: गाजे-बाजे के साथ हुआ ज्वारा विसर्जन, सदियों से चली आ रही परंपरा. हर 6 महीने में…

लाला उपाध्याय@जाजगीर चांपा। (Janjgir-Champa) जिले से 25 किलोमीटर की दुरी पर  लिगेश्वर नगरी बसी है। जहां नवरात्रि पर्व में शासन के नियमों  का पालन करते हुए नवागढ के डिहपारा मां भगवती माँ दुर्गा मंदिर लिगवापारा व माँ कंकालिन दाई कहरा पारा व माँ चंडी दाई राछा भाठा मे माँ के चरणों में ज्योति कलश एवं जवारा की स्थापित की गई थी।

(Janjgir-Champa) शुक्ला पक्ष अश्वनी मास नवमी  तिथि माँ सिद्ध दात्री का भव्य पुजा अर्चना हुआ। साथ विसर्जन किया गया। जहाँ नवागढ़ के कहरा पारा मोहल्ले में माँ कंकालिन दाई हैं। जहां हर छ माह में नवरात्रि पूजा का नज़ारा देखने को मिलता है।

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(Janjgir-Champa) लॉकडाउन के कारण 10-15 भक्तों की टोली बना लेते हैं। 80 से 90 की संख्या में झुंड बनाकर मुंह में एक तार लगाकर सभी नाचा गाना करते हैं। वहीं आखिरी दिन मैनका दाई मोहल्ले में ज्वारा का विसर्जन करते हैं। जहां मैनका दाई विराजमान है। लेकिन शासन के गाइडलाइन का पालन करते हुए कहरा पारा के गुढ़यारी तलाब में  मादर के साथ जस गीत गाते  विसर्जन किया गया।

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