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दिल्ली ब्लास्ट में जैश मॉड्यूल का पर्दाफाश, मुजम्मिल को भेजे गए थे बम बनाने के 40 वीडियो

पाकिस्तान से संचालित हो रहा था ऑपरेशन

दिल्ली। दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की सीधी भूमिका उजागर हुई है। सूत्रों के अनुसार, जैश के हैंडलर हंजुल्ला ने मामले में गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल शकील को बम बनाने के करीब 40 वीडियो भेजे थे। यह संपर्क उन्हें जम्मू-कश्मीर के शोपियां निवासी मौलवी इरफान अहमद ने कराया था। इरफान ने डॉक्टरों के साथ मिलकर एक व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल तैयार किया था, जिसमें दिल्ली का धमाका भी शामिल था।

जांच में यह भी पता चला है कि “हंजुल्ला” संभवतः जैश हैंडलर का कोड नेम है। 18 अक्टूबर को नौगाम (जम्मू-कश्मीर) में लगे जैश के पोस्टरों में भी “कमांडर हंजुल्ला भैया” का नाम मिला था, जिससे एजेंसियों को लिंक जोड़ने में मदद मिली।

यूरिया पीसकर बनाता था विस्फोटक

NIA ने दिल्ली ब्लास्ट मामले में डॉ. मुजम्मिल गनई, डॉ. शाहीन सईद, डॉ. आदिल अहमद राथर और मौलवी इरफान को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि डॉ. मुजम्मिल फरीदाबाद के धौज गांव में एक टैक्सी ड्राइवर के घर में रखी आटा चक्की में यूरिया पीसकर उसे रिफाइन करता था। इसके बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी की लैब से चोरी किए गए केमिकल मिलाकर विस्फोटक तैयार करता था।

NIA को उस घर से मेटल पिघलाने की मशीन समेत कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले हैं। पुलिस ने मुजम्मिल की निशानदेही पर टैक्सी ड्राइवर को भी पकड़ा, जिसने बताया कि मुजम्मिल चक्की को अपनी “बहन का दहेज” बताकर घर में रख गया था।

अस्पताल में हुई थी पहचान

टैक्सी ड्राइवर ने NIA को बताया कि उसकी पहचान मुजम्मिल से उस समय हुई थी, जब उसने अपने झुलसे बेटे का इलाज अल फलाह मेडिकल कॉलेज में कराया था। वहीं से दोनों के बीच संपर्क बढ़ा और मुजम्मिल ने उसके घर का इस्तेमाल किया। जांच एजेंसियों को पूरा यकीन है कि यह मॉड्यूल दिल्ली सहित कई बड़े हमलों की तैयारी में जुटा था।

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