छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय, 2026 बनेगा ‘महतारी गौरव वर्ष’

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने मातृशक्ति के सम्मान, सुरक्षा और सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आगामी वर्ष को ‘महतारी गौरव वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प के अनुरूप राज्य सरकार ने ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047’ तैयार किया है, जिसमें महिलाओं की सशक्त भागीदारी को विकास का केंद्र बनाया गया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ‘महतारी गौरव वर्ष’ महिलाओं के सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन और सामाजिक गरिमा को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मजबूत संकल्प सिद्ध होगा।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के रूप में पहला वर्ष ‘विश्वास वर्ष’ और दूसरा वर्ष ‘अटल निर्माण वर्ष’ के रूप में मनाया गया। अब सेवा का आगामी वर्ष मातृशक्ति को समर्पित ‘महतारी गौरव वर्ष’ होगा, जिसमें सभी योजनाओं का केंद्र बिंदु महिलाएं होंगी।
महिला आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महतारी वंदन योजना के तहत लगभग 70 लाख विवाहित महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपए दिए जा रहे हैं। अब तक 22 किश्तों में 14,306 करोड़ रुपए से अधिक की राशि सीधे खातों में पहुंचाई जा चुकी है। स्व-सहायता समूहों को मजबूत करने के लिए 42 हजार से अधिक महिला समूहों को रियायती ऋण उपलब्ध कराया गया है।
सरकार ने महिलाओं को संपत्ति में अधिकार देने के लिए रजिस्ट्री शुल्क में छूट, 368 महतारी सदनों का निर्माण, आंगनबाड़ी और मितानिन कार्यकर्ताओं के मानदेय का ऑनलाइन भुगतान, बस्तर समेत छह जिलों में रेडी-टू-ईट कार्य महिला समूहों को सौंपने जैसे फैसले लिए हैं।
महिला सुरक्षा के लिए वन स्टॉप सेंटर, 181 महिला हेल्पलाइन और डायल 112 का एकीकृत संचालन किया जा रहा है। सुखद सहारा योजना से दो लाख से अधिक विधवा व परित्यक्ता महिलाओं को आर्थिक मदद दी जा रही है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि वर्ष 2025-26 में विभाग को 8,245 करोड़ रुपए का बजट आवंटन यह साबित करता है कि छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण सिर्फ नीति नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का अभियान बन चुका है।





