BJP में अंतर कलह आई सामने, नेताओं के भीतरघात से बीजेपी प्रत्याशी हारा

कोरबा। एक बार फिर भाजपा में अंतर कलह सामने आई है, जिसके चलते नगर निगम कोरबा के सभापति चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। यहां भाजपा के बागी प्रत्याशी नूतन सिंह ठाकुर सभापति चुने गए। सभापति चयन के लिए भाजपा कार्यालय में बड़े नेता मौजूद थे, जहां संगठन के निर्णय के आधार पर सहमति बनाई जा रही थी, लेकिन सभापति के लिए कई नाम सामने आए।
काफी समय तक सभापति के नाम को लेकर गहमागहमी की स्थिति बनी रही। इस दौरान बंद कमरे में भाजपा के सभी पार्षद थे। भाजपा की ओर से सभापति चुनाव को लेकर पर्यवेक्षक बने पुरेन्द्रर मिश्रा ने भी कार्यकर्ताओं की बैठक ली और मतदान से पहले पार्षदों को समझने का प्रयास किया। इसके बावजूद, किसी ने उनकी एक नहीं सुनी, और बागी होकर नूतन सिंह ठाकुर मैदान में उतरे।
भाजपा के अनुशासन की खुली पोल
बताया जा रहा है कि भाजपा ने संगठन की ओर से हितानंद अग्रवाल का नाम सामने रखा था, वहीं बागी होकर नूतन सिंह ठाकुर भी मैदान में थे। इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल रहमान ने भी नामांकन भरा। तीनों के बीच सभापति के लिए मतदान शुरू हुआ। कोरबा नगर निगम में 67 सीटें हैं, जिसमें भाजपा के पास 45, कांग्रेस के 11 और निर्दलीय के 11 पार्षद हैं। सभापति चुनाव में कुल 68 मत पड़े, और भाजपा के बागी प्रत्याशी नूतन सिंह ठाकुर को 33 वोट मिले, जबकि भाजपा के उम्मीदवार हितानंद अग्रवाल को 18 वोट और निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल रहमान को 16 वोट मिले। इस चौंकाने वाले परिणाम में भाजपा की पार्टी अनुशासन की पोल खुल गई।
सब मिलजुल कर काम करेंगे: श्रम मंत्री
नवनिर्वाचित सभापति नूतन ठाकुर ने कहा कि उसने भाजपा से टिकट मांगा था और उसे सभापति चुनाव लड़ने की इच्छा थी, पर पार्टी ने उन्हें नहीं उतारा। इसके चलते उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि भाजपा ने हितानंद अग्रवाल को सभापति के लिए मैदान में उतारा था, लेकिन भाजपा के ही प्रत्याशी नूतन सिंह ठाकुर भी मैदान में थे। सभी पार्षदों ने मिलकर नूतन सिंह ठाकुर को जिताया। अब वे सभी मिलकर काम करेंगे।