मुंबई। भारतीय नौसेना को मंगलवार को दो नए स्वदेशी युद्धपोत INS उदयगिरि और INS हिमगिरी मिलेंगे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार ये दोनों जहाज प्रोजेक्ट 17ए के तहत डिजाइन और निर्मित किए गए हैं। इन युद्धपोतों को इस तरह तैयार किया गया है कि वे दुश्मन के रडार, इंफ्रारेड और ध्वनि सेंसर से बच सकें। इनकी तैनाती से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में नौसेना की ताकत और बढ़ेगी।
INS हिमगिरी को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने बनाया है और इसका नाम पुराने INS हिमगिरी से लिया गया है। वहीं, INS उदयगिरि को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने 37 महीनों में तैयार किया है। इसका नाम आंध्र प्रदेश की उदयगिरि पर्वत श्रृंखला पर रखा गया है।
इससे पहले 18 जून को भारत को पहला एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (INS अर्णाला) मिला था। इसे विशाखापट्टनम के नेवी डॉकयार्ड में कमीशन किया गया और हिंद महासागर में नौसेना की मजबूती के लिए डिजाइन किया गया। 15 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री मोदी ने तीन अल्ट्रा-मॉर्डन युद्धपोत INS सूरत (डिस्ट्रॉयर), INS नीलगिरि (स्टेल्थ फ्रिगेट) और INS वाघशीर (सबमरीन) को नौसेना में शामिल किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में कुल 20 पनडुब्बियां, 13 विध्वंसक, 15 फ्रिगेट्स, 18 कॉर्वेट्स, 30 गश्ती जहाज और विभिन्न अन्य प्रकार के युद्धपोत हैं। INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य सहित दो आधुनिक विमानवाहक पोत भी नौसेना में हैं।
भारतीय नौसेना का लक्ष्य 2035 तक कुल 175 जहाजों का बेड़ा तैयार करना है, जिसमें वर्तमान में 50 जहाज निर्माणाधीन हैं। 2025 तक लगभग 135 से अधिक युद्धपोत सक्रिय सेवा में होंगे। INS उदयगिरि और INS हिमगिरी की तैनाती से भारतीय नौसेना की क्षमता और प्रभावशाली हो जाएगा और यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान देगा।