बच्चों के भविष्य की राह का ‘रोड़ा’ बना भवन… जानिए क्या है पूरा मामला

देबाशीष बिस्वास@पखांजूर. भवन बना बच्चों के भविष्य का रोड़ा,प्राथमिक शाला उलिया के कुल 60 बच्चों के लिए नहीं है स्कूल भवन कभी यहाँ कभी वहां बैठकर पढ़ाई करते हैं ,भवन नहीं होने से पिछले 2 साल से पंचायत भवन में बैठकर पढ़ने को बच्चे मजबूर है. पुराना स्कूल भवन जर्जर हो जाने से शिक्षक द्वारा नया भवन का मांग करते रहे. पर भवन तो बना नहीं 5 लाख से अधिक में एक कोटाकेबिन बनाया गया. वहां भी घटिया निर्माण के भेंट चढ़ने से एक साल में ही टूटने लगी है, बच्चों को मजबूरन पंचायत भवन में बैठना पड़ रहा है, शिक्षा विभाग की बदहाल व्यवस्था से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है,जब पंचायत में पंचायत प्रतिनिधियों और अन्य बैठक होती है, तो स्कूल की छुट्टी करनी पड़ती है. जिससे बच्चों एवं शिक्षकों को परेशानी का सामना करना होता है.
भवन में पानी का भी आभाव
भवन के अभाव में परेशानी के साथ साथ बच्चों के लिए पीने का व्यवस्था तक नही 1 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है. स्कूल के सामने जरूर नल लगा है, पर उपयोग योग्य नहीं है. आयरन युक्त लाल पानी निकलता हैं,बच्चों के लिए पीने का पानी के लिए एक किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है. जिससे भी भारी जोखिम उठाना पड़ता है, अब देखना होगा खबर दिखाने के बाद विभाग में बैठे अधिकारी बच्चों के लिए सुचारू व्यवस्था कर पाते हैं या फिर बच्चों को उनके हाल में ऐसे छोड़ देते हैं।