महंगाई ने दिया आम जनता को तगड़ा झटका… सरकार के लिए चुनौती!

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने नवंबर महीने के लिए खुदरा और खाद्य महंगाई का डाटा शेयर किया है, जिसके मुताबिक अक्टूबर की तुलना में महंगाई बढ़ी है. खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.5 फीसदी हो गई है.जिसके मुताबिक भारत की खुदरा महंगाई दर नवंबर में सालाना आधार पर 5.5 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अक्टूबर में यह चार महीने के निचले स्तर 4.87 प्रतिशत पर थी. यह भारतीय रिजर्व बैंक के 2-6 प्रतिशत के सहनशील डाटा के भीतर है.
दूसरी ओर खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण नवंबर महीने में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 8.7 प्रतिशत हो गई है, जबकि अक्टूबर में 6.6 प्रतिशत थी. इससे पहले एक रॉयटर्स के सर्वे रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि खाद्य कीमतों में अस्थिरता के कारण खुदरा महंगाई दर क्रमिक आधार पर 80 अंक से अधिक बढ़कर 5.7 प्रतिशत हो जाएगी.
RBI ने इतना रखा था लक्ष्य
पिछले हफ्ते दिसंबर की नीति बैठक में RBI ने महंगाई लक्ष्य को 5.4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित छोड़ दिया था. वहीं अगस्त की नीति में RBI MPC ने अपने वित्त वर्ष 2024 के मुद्रास्फीति को 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया था. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने तिसरी तिमाही में खुदरा महंगाई या CPI डाटा 5.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था.
RBI गवर्नर ने जताई थी चिंता
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में सीपीआई महंगाई दर 5.2 प्रतिशत, दूसरी तिमाही के लिए 4 प्रतिशत और तीसरी तिमाही के लिए 4.7 प्रतिशत का अनुमान लगाया है. गवर्नर ने कहा था कि केंद्रीय बैंक ने अक्टूबर 2023 में महंगाई दर को लेकर 5 प्रतिशत से नीचे लाने में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी दर्ज की है. हालांकि 4 प्रतिशत सीपीआई का लक्ष्य अभी तक हासिल नहीं हुआ है. इसे लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने चिंता जाहिर की थी.
सरकार के लिए महंगाई कंट्रोल करने की चुनौती
खुदरा महंगाई दर में उछाल से उन लोगों को झटका लगा है, जो सस्ते कर्ज की आश लगाकर बैठे हैं. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारम ने संसद में सोमवार 11 दिसंबर को कहा था कि खुदरा महंगाई दर स्थिर हो रहा है, लेकिन आज यानी 12 दिसंबर को आए आंकड़े ने लोगों को हैरान किया है. सरकार के लिए इस महंगाई को कम करने की चुनौती होगी.