दिल्ली। भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बड़ा बल मिला है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ 1 अरब डॉलर यानी करीब 8,870 करोड़ की डील पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत GE भारत को 113 जेट इंजन और सपोर्ट पैकेज उपलब्ध कराएगी। इन इंजनों का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के 97 तेजस मार्क-1A लड़ाकू विमानों में किया जाएगा।
HAL ने शुक्रवार को X (पूर्व ट्विटर) पर इसकी जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि इंजन की डिलीवरी 2027 से 2032 के बीच होगी। यह डील सितंबर में रक्षा मंत्रालय और HAL के बीच हुए 62,370 करोड़ के करार का हिस्सा है, जिसके तहत HAL को भारतीय वायुसेना के लिए 97 तेजस मार्क-1A जेट्स तैयार करने हैं।
गौरतलब है कि फरवरी 2021 में भी सरकार ने HAL को 83 तेजस मार्क-1A विमानों का ऑर्डर दिया था, जिसकी कीमत करीब 48,000 करोड़ थी। हालांकि अमेरिकी इंजन की डिलीवरी में देरी के कारण HAL अब तक कोई विमान नहीं सौंप पाया है। उम्मीद की जा रही है कि 2028 तक सभी विमानों की डिलीवरी पूरी कर ली जाएगी।
तेजस मार्क-1A, चौथी पीढ़ी का हल्का और अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है। इसमें स्वदेशी तकनीक से बने 65% से अधिक उपकरण हैं। यह रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और आत्म-रक्षा कवच से लैस है। इसे राजस्थान के नाल एयरबेस पर तैनात करने की योजना है, ताकि पाकिस्तान सीमा पर हवाई सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
तेजस मार्क-1A भारतीय वायुसेना के पुराने मिग-21 बेड़े की जगह लेगा, जो हाल ही में रिटायर हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नवंबर 2022 में बेंगलुरु में तेजस में उड़ान भरकर ‘मेक इन इंडिया’ की इस उपलब्धि को सराहा था।
