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भारत ने सिंधु जल संधि रोकी: पाकिस्तान को भेजा आधिकारिक पत्र

नई दिल्ली। भारत सरकार ने 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि को तुरंत प्रभाव से स्थगित कर दिया है। यह फैसला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 टूरिस्ट मारे गए थे।

गुरुवार देर रात भारत ने पाकिस्तान को आधिकारिक चिठ्ठी भेजकर इस फैसले की जानकारी दी। यह चिठ्ठी जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल मंत्रालय को भेजी।

चिठ्ठी में क्या लिखा है

भारत ने संधि में बदलाव की मांग की है, क्योंकि हालात अब पहले जैसे नहीं रहे। पाकिस्तान की तरफ से बार-बार आतंकवाद फैलाने और जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाने की बात कही गई है। भारत के अनुरोधों पर पाकिस्तान ने कोई जवाब नहीं दिया, जिससे भारत को अपने अधिकार नहीं मिल पाए। भारत का कहना है कि अब क्लीन एनर्जी के लिए बदलाव जरूरी हो गए हैं। इसलिए, भारत ने फैसला किया है कि अब सिंधु जल संधि को रोका जा रहा है।

क्या है सिंधु जल संधि?

यह संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी। इसमें 6 नदियों को बांटा गया था। भारत को: रावी, ब्यास और सतलुज का पूरा पानी। पाकिस्तान को: सिंधु, चिनाब और झेलम का ज़्यादातर पानी पर हक होगा।

पाकिस्तान के खिलाफ भारत के 5 बड़े फैसले

  • सिंधु जल संधि पर रोक
  • वीजा प्रक्रिया पर सख्ती
  • व्यापार पर नजर
  • सीमा सुरक्षा और बढ़ाई
  • आतंकवाद के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की तैयारी

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