भारत बना रहा के-6 हाइपरसोनिक मिसाइल, ब्रह्मोस से भी घातक; कराची तक मार करने में सक्षम

दिल्ली। भारत अब ब्रह्मोस से भी अधिक घातक हाइपरसोनिक मिसाइल के-6 पर काम कर रहा है। इसे हैदराबाद स्थित डीआरडीओ की एडवांस्ड नेवल सिस्टम्स लैबोरेटरी में विकसित किया जा रहा है। यह मिसाइल विशेष रूप से भारत की अगली पीढ़ी की परमाणु ऊर्जा चालित एस-5 श्रेणी की पनडुब्बियों के लिए डिज़ाइन की जा रही है, जो ‘अरिहंत’ से भी बड़ी होंगी। एस-5 पनडुब्बियां 12 मीटर लंबी, 2 मीटर चौड़ी होंगी और 2 से 3 टन वजनी वारहेड ले जा सकेंगी।
के-6 एक सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) है, जिसकी मारक क्षमता 8,000 किलोमीटर होगी और यह 7.5 मैक (करीब 9,261 किमी/घंटा) की रफ्तार से दुश्मन पर सटीक वार कर सकेगी। मिसाइल को जल्द ही परीक्षण के लिए तैयार किया जा रहा है। इसकी तैनाती के बाद भारत हाइपरसोनिक मिसाइल क्लब में शामिल हो जाएगा, जिसमें फिलहाल अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन शामिल हैं।
भारत की सामरिक ताकत में होगा इजाफा
यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के हथियार ले जाने में सक्षम होगी, जिससे भारत की सामरिक ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा। रिपोर्टों के मुताबिक, जरूरत पड़ने पर यह पाकिस्तान के आर्थिक केंद्र कराची को भी आसानी से निशाना बना सकती है।
अब तक भारत के-3 (1,000-2,000 किमी रेंज), के-4 (3,500 किमी) और के-5 (5,000-6,000 किमी) रेंज की एसएलबीएम मिसाइलें बना चुका है, जिनमें से के-4 और के-5 को नौसेना में शामिल किया जा चुका है। के-6 के शामिल होने से भारत की सामरिक समुद्री शक्ति नई ऊंचाई पर पहुंच जाएगी, जिससे हिंद महासागर में उसकी मौजूदगी और भी मजबूत होगी।