दिल्ली। जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। शपथ के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई विशिष्ट अतिथियों से मुलाकात की। पूर्व CJI बीआर गवई से गले मिलने और माता-पिता के चरण स्पर्श का क्षण समारोह में विशेष रूप से देखा गया।
इस शपथ ग्रहण समारोह की खास बात रही कि पहली बार इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय न्यायिक प्रतिनिधिमंडल ने इसमें हिस्सा लिया। ब्राजील, भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरिशस, नेपाल और श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश अपने परिजनों के साथ समारोह में मौजूद रहे। बीआर गवई का कार्यकाल 23 नवंबर को समाप्त हुआ और अब जस्टिस सूर्यकांत यह जिम्मेदारी संभालेंगे। वे 9 फरवरी 2027 को सेवानिवृत्त होंगे, यानी उनका कार्यकाल करीब 14 महीनों का रहेगा।
जस्टिस सूर्यकांत के शपथ ग्रहण में उनके परिवार के सभी सदस्य शामिल हुए। हिसार के पेटवाड़ गांव के निवासी इस परिवार ने दिल्ली पहुंचकर समारोह में भाग लिया। सूर्यकांत की पत्नी सविता सूर्यकांत कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल हैं, जबकि उनकी दो बेटियां मुग्धा और कनुप्रिया उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। ग्रामीण बताते हैं कि जस्टिस सूर्यकांत ने विवाह के समय दहेज लेने से स्पष्ट इनकार कर दिया था।
10 हजार आबादी वाले पेटवाड़ गांव के गौरव पट्ट पर जस्टिस सूर्यकांत का नाम सबसे ऊपर दर्ज है। वे अब तक संवैधानिक और मानवाधिकार से जुड़े एक हजार से अधिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। उनके प्रमुख निर्णयों में आर्टिकल 370 को हटाने के फैसले को बरकरार रखना, राजद्रोह कानून पर रोक, बार एसोसिएशनों में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने का निर्देश और पेगासस मामले की जांच के लिए पैनल का गठन शामिल है।
