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तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान-बंगाल में SIR के बाद 1 करोड़ से ज्यादा वोटरों के नाम कटे

दिल्ली। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को तमिलनाडु और गुजरात में कराए गए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की। तमिलनाडु में SIR के दौरान 97 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाए गए।

इससे पहले राज्य में 6.41 करोड़ वोटर्स थे, जो अब घटकर 5.43 करोड़ हो गए हैं। राज्य में अब 2.66 करोड़ पुरुष, 2.77 करोड़ महिलाएं और 7,191 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। चेन्नई में सबसे अधिक 14.25 लाख वोटर्स के नाम हटाए गए। कोयंबटूर और डिंडीगुल में क्रमशः 65 लाख और 23 लाख नाम काटे गए।

गुजरात में SIR से 73.73 लाख वोटरों के नाम कम हुए हैं। राज्य में पहले 5.08 करोड़ मतदाता रजिस्टर्ड थे, जो अब घटकर 4.34 करोड़ रह गए हैं। मतदाता अगर ड्राफ्ट लिस्ट में अपना नाम नहीं पाते हैं, तो 18 जनवरी तक आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

पश्चिम बंगाल में 58.20 लाख नाम काटे गए, जिनमें 24.16 लाख मृत, 19.88 लाख शिफ्ट हुए, 12.20 लाख लापता और 1.38 लाख डुप्लीकेट या फर्जी मतदाता शामिल हैं। राजस्थान में 41.85 लाख, गोवा में 1 लाख से ज्यादा, पुडुचेरी में 1.03 लाख और लक्षद्वीप में 1,616 मतदाताओं के नाम हटाए गए।

11 दिसंबर को चुनाव आयोग ने 5 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में SIR की समयसीमा बढ़ा दी थी। तमिलनाडु और गुजरात में फॉर्म 14 दिसंबर तक भरे गए, जबकि उत्तर प्रदेश में 26 दिसंबर और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान-निकोबार में 18 दिसंबर तक फॉर्म जमा किए जा सकते हैं।

SIR प्रक्रिया 28 अक्टूबर से शुरू हुई थी, जिसमें मतदाता सूची का अपडेशन किया गया। इसमें नए वोटरों के नाम जोड़े गए और सूची में मौजूद गलतियों को सुधारा गया। तमिलनाडु में SIR के कारण गूगल पर इसे लेकर भारी ट्रेंडिंग देखी गई। कुल मिलाकर देश के विभिन्न राज्यों में इस प्रक्रिया से 1 करोड़ से अधिक वोटरों के नाम हटाए गए हैं, जिससे वोटर लिस्ट और अधिक सटीक और अद्यतन हुई है।

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