मेकाहारा में HIV पॉजिटिव मरीज की पहचान उजागर, FIR दर्ज

रायपुर। मेकाहारा में 6 अक्टूबर को एक HIV पॉजिटिव महिला के बच्चे के पास “HIV POSITIVE MOTHER” लिखा बड़ा चार्ट चस्पा करने का मामला सामने आया। पीड़ित महिला ने तीन दिनों तक बच्चे को दूध पिलाते समय यह बोर्ड देखा। माता-पिता ने बताया कि इस दौरान न केवल अन्य लोग बल्कि कुछ मेडिकल स्टाफ ने भी उनके साथ दूरी बनानी शुरू कर दी थी।
मामला मीडिया में प्रकाशित होने के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। कोर्ट ने इसे अमानवीय और निजता के अधिकार का उल्लंघन करार दिया। खंडपीठ मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव से व्यक्तिगत शपथपत्र मांगा।
इसके बाद पुलिस ने FIR दर्ज कर हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन को नोटिस भेजा, जिसमें गलती करने वाले डॉक्टरों के नाम मांगे गए थे। हालांकि हॉस्पिटल ने कहा कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला और विभागीय जांच जारी है। पुलिस ने बताया कि 48 घंटे बीत जाने के बाद भी हॉस्पिटल ने दोषियों के नाम नहीं बताए हैं।
मामले को एनजीओ सुराज जनकल्याण समिति के अध्यक्ष प्रीतम महानंद और उनकी टीम ने उजागर किया। उन्होंने पीड़ित पिता को रोते हुए देखा और फिर थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
फिलहाल पुलिस मामले की आगे की कार्रवाई हॉस्पिटल की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है। अस्पताल प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जांच रिपोर्ट मंगलवार तक प्रस्तुत की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना सामाजिक और चिकित्सकीय दोनों स्तर पर चिंता का विषय बन गई है। HIV पॉजिटिव मरीजों की गोपनीयता और सम्मान बनाए रखना स्वास्थ्य संस्थानों की जिम्मेदारी है।