शिक्षा में ऐतिहासिक सुधार: अब प्रदेश में कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को मजबूत और संतुलित बनाने के लिए युक्तियुक्तकरण (Rationalization) की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। पहले राज्य में 453 स्कूलों में शिक्षक नहीं थे, लेकिन अब एक भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है।
इसके अलावा, प्रदेश में पहले 5936 एकल शिक्षक वाले विद्यालय थे, जिनमें से अब 4728 स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षक तैनात किए जा चुके हैं। इससे स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बेहतर होगी और बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी। हालांकि बस्तर और सरगुजा संभाग के कुछ जिलों में अब भी 1208 स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक है। सरकार ने बताया कि जल्द ही प्रधान पाठकों और व्याख्याताओं की पदोन्नति और 5000 शिक्षकों की नई भर्ती से इस कमी को दूर कर लिया जाएगा।
यह पूरी प्रक्रिया शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार की जा रही है। पुराने 2008 के सेटअप की अब कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि युक्तियुक्तकरण में अनियमितता करने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। यह कदम प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक ऐतिहासिक और सकारात्मक पहल मानी जा रही है।