जनजातीय गौरव दिवस पर ऐतिहासिक सम्मान : मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति को भेंट की बिरसा मुंडा की बस्तर आर्ट प्रतिमा

रायपुर। जनजातीय गौरव दिवस समारोह के दौरान अंबिकापुर में एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री ष्णुदेव साय ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की बस्तर आर्ट में निर्मित प्रतिमा स्मृति-चिह्न के रूप में भेंट की। यह प्रतिमा आदिवासी समाज की गौरवगाथा, वीरता, सांस्कृतिक धरोहर और छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कला का अनूठा संगम है।

कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह ने इस विशेष पल का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा न सिर्फ उनके बलिदान की याद दिलाती है, बल्कि जनजातीय समाज की संघर्षगाथा और आत्मसम्मान का भी प्रतीक मानी जाती है। बस्तर की विशिष्ट कला शैली में निर्मित यह मूर्ति प्रदेश की आदिवासी कला की जीवंत झलक पेश करती है।

मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक विरासत, इतिहास, कला और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को संरक्षित व प्रोत्साहित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज देश की अस्मिता का आधार है और छत्तीसगढ़ उनकी परंपराओं को नई पहचान दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि आदिवासी समाज के स्वाभिमान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाए। उनकी गौरवशाली पहचान और संघर्ष की कहानी हर पीढ़ी के लिए प्रेरक बने।”

जनजातीय गौरव दिवस का यह अनूठा क्षण न केवल सांस्कृतिक सम्मान का प्रतीक रहा, बल्कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध जनजातीय विरासत को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का अवसर भी बना।

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