बस्तर में नक्सल उन्मूलन की दिशा में ऐतिहासिक दिन: बंदूक छोड़ संविधान अपनाने वालों का स्वागत: सीएम साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर में 210 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण को राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि जो युवा कभी माओवाद की भ्रामक विचारधारा में फंसे थे, उन्होंने अब लोकतंत्र और विकास की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। यह केवल आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि विश्वास, परिवर्तन और नए जीवन की शुरुआत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का दिन है। जिन युवाओं ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है, उन्होंने संविधान को अपनाकर यह साबित किया है कि बदलाव नीतियों और विश्वास से संभव है। उन्होंने कहा कि बस्तर में बंदूक छोड़कर सुशासन पर भरोसा जताने वाले युवाओं से मुलाकात उनके जीवन के सबसे भावनात्मक पलों में से एक रही।

सीएम साय ने कहा कि राज्य सरकार की “नियद नेल्ला नार योजना” और “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी योजनाओं ने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास और शांति का माहौल बनाया है। इन्हीं नीतियों से लोग अब शासन की विकास यात्रा में शामिल हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दृश्य छत्तीसगढ़ के शांतिपूर्ण भविष्य का शिलान्यास है। डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता है कि राज्य को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त किया जाए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ अब शांति, विश्वास और विकास के नए युग की ओर अग्रसर है।

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