बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में नेशनल और स्टेट हाईवे सहित सड़कों को आवारा मवेशियों से मुक्त करने के लिए चल रही जनहित याचिका पर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने शासन से अपने पूर्व आदेशों के अनुपालन की जानकारी मांगी।
शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कोर्ट में पेश होकर बताया कि मवेशियों की समस्या से निपटने के लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का ड्राफ्ट अभी अंतिम रूप में तैयार नहीं हुआ है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए शासन को 15 दिनों का समय और चाहिए।
कोर्ट ने शासन के इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को तय की है। 23 अक्टूबर 2024 को दिए गए आदेश के अनुपालन में कोर्ट ने मुख्य सचिव को राजमार्गों और सड़कों पर मवेशियों की समस्या रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर नया हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इसमें रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा के संभागीय आयुक्तों द्वारा किए गए संभागीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट भी पेश की जानी है।
यह सुनवाई मवेशियों की समस्या को सुलझाने और सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए शासन को जरूरी कदम उठाने के लिए दबाव बना रही है।