हाईकोर्ट का फैसला : 1478 व्याख्याताओं के लिए प्राचार्य बनने का रास्ता साफ, 126 रिटायर शिक्षकों को मिलेगा लाभ

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश के व्याख्याताओं के प्रमोशन से जुड़ी याचिका को खारिज करते हुए शासन के पक्ष में फैसला सुनाया है। जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की बेंच ने गुरुवार (6 नवंबर) को आदेश जारी करते हुए कहा कि प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। इस निर्णय से अब 1478 व्याख्याताओं के प्राचार्य बनने का रास्ता साफ हो गया है।
दरअसल, राज्य शासन ने अप्रैल 2025 में ई-संवर्ग व्याख्याताओं की वरिष्ठता सूची के आधार पर 1478 शिक्षकों को प्राचार्य पद पर पदोन्नति दी थी। लेकिन कुछ शिक्षकों ने इस प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद प्रमोशन आदेश पर रोक लग गई थी, जिसके चलते पोस्टिंग नहीं हो पाई। इस दौरान 126 व्याख्याता बिना पदस्थापना के ही सेवानिवृत्त हो गए।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रमोशन नियम वर्ष 2019 के अनुसार किए गए हैं और इनमें किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई। इससे पहले डिवीजन बेंच ने भी प्रमोशन पर लगी रोक हटा दी थी। अब सिंगल बेंच के फैसले से लटकी हुई प्रक्रिया को मंजूरी मिल गई है।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए शासन से छह महीने से अटकी पोस्टिंग प्रक्रिया को तत्काल शुरू करने की मांग की है। साथ ही संगठन ने यह भी कहा कि जिन 126 शिक्षकों का प्रमोशन लंबित रहते सेवानिवृत्ति हो गई, उन्हें वित्तीय लाभ प्रदान किया जाए।
संघ के अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि अब शासन को अविलंब काउंसलिंग कराकर सभी प्राचार्यों की पदस्थापना करनी चाहिए, जिससे शिक्षण व्यवस्था सुचारु रूप से चल सके और शिक्षकों को उनका योग्य अधिकार मिल सके।





