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हाईकोर्ट ने कैदी की मौत मामले में सुनवाई की, सरकार को किया तलब

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में हत्या के आरोप में जेल में बंद कैदी की मौत के मामले में सुनवाई हुई। कैदी के शरीर पर मिले कई गंभीर चोट के निशान को देखते हुए परिजनों ने हिरासत में हत्या का मामला बताते हुए याचिका दायर की है। मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने शासन से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

दरअसल, ग्राम पिपरौद निवासी नीरज भोई को महासमुंद पुलिस ने 12 अगस्त को गिरफ्तार कर जिला जेल भेज दिया था। जेल चिकित्सक डा संजय दावे ने मेडिकल परीक्षण में उसे डिप्रेशन और क्रोनिक एल्कोहलिक का मरीज पाया। नशे का आदी होने के कारण कैदी अगले दिन असामान्य व्यवहार करने लगा. इसके बाद जेल अस्पताल में दवाइयां दी गई, मगर कोई खास लाभ नहीं हुआ। 15 अगस्त को सुबह सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

कैदी के परिजनों ने हिरासत में हत्या का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। इसके बाद 17 अगस्त 2024 को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि युवक की मौत गला दबाने से हुई थी। उसके शरीर पर कुल 35 ताज़ा और गंभीर चोटों के निशान थे, जिनमें से 8 आंतरिक थीं, जो जानलेवा साबित हुई। वहीं शिकायत के बाद मजिस्ट्रेट जांच की गई, जो 31 जनवरी को पूरी हुई।

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