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मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे पर हाईकोर्ट की मुहर: गड़बड़ी का दावा खारिज, कहा- नियमों के मुताबिक बदली सीटें

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की सीटों को मैनेजमेंट कोटे में बदले जाने के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि राज्य सरकार ने सीट निर्धारण पूरी तरह नियमों के अनुरूप किया है। इसके साथ ही नया रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च की याचिका खारिज कर दी गई।

कॉलेज प्रबंधन ने आरोप लगाया था कि एनआरआई कोटे की सभी 15 सीटों को मनमाने तरीके से मैनेजमेंट कोटे में बदला गया, जो नियमों का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया कि संस्थान को मॉप-अप राउंड में शामिल होने की अनुमति दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद 9 अक्टूबर को मिली थी। मॉप-अप सीट मैट्रिक्स में 100 सीटें आवंटित की गई थीं, जिनमें 43 सरकारी, 42 मैनेजमेंट और 15 एनआरआई कोटे की थीं।

कॉलेज की दलील थी कि बिना सुनवाई का अवसर दिए सीटों में बदलाव कर दिया गया। वहीं राज्य सरकार ने कोर्ट में साफ किया कि नियमों के अनुसार एनआरआई कोटे में प्रवेश की अंतिम तारीख प्रवेश प्रक्रिया की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले होती है। यानी 10 नवंबर 2025 तक एनआरआई सीटों पर ही प्रवेश संभव था।

सरकार ने कहा कि 10 नवंबर तक एनआरआई कोटे में एक भी प्रवेश नहीं हुआ, इसलिए नियमों के मुताबिक ये सीटें ओपन कैटेगरी में जानी थीं, जिन्हें मैनेजमेंट कोटे के रूप में लागू किया गया। कोर्ट ने इस तर्क को सही माना और कहा कि सीटों का निर्धारण किसी भी तरह मनमाना नहीं है, बल्कि नियमानुसार हुआ है।

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