सरगुजा-अंबिकापुर

Ambikapur: नगर निगम अपनी माली हालत से परेशान, इधर 7 सालों से करोड़ों की लागत से बनी दुकानों का आवंटन नहीं, कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर लगा रहे आरोप-प्रत्यारोप

शिव शंकर साहनी@अंबिकापुर। नगर निगम अपनी माली हालत से परेशान है। बावजूद इसके निगम क्षेत्र में सैकड़ों ऐसी दुकानें हैं जिनका आवंटन बीते 7 सालों से नहीं हुआ है। निगम की इस लापरवाही की वजह से दुकाने जर्जर हो रही है जबकि लोगों को रोजगार का अवसर भी नहीं मिल रहा है। वही शहर सरकार और विपक्षी दल भाजपा दुकानों के आवंटन को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

अंबिकापुर नगर निगम अपनी माली हालत को लेकर हमेशा से परेशान रहता है आलम यह है कि अंबिकापुर नगर निगम अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान भी खुद की आय से नहीं कर पाता मगर हैरत की बात तो यह है कि अंबिकापुर नगर निगम में सैकड़ों ऐसी दुकानें हैं जिनका आवंटन 7 सालों बाद भी नहीं हो सका है ऐसे में इन दुकानों के आवंटित नहीं होने के कारण जहां निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है तो वही दुकानें भी जर्जर हो रही है। दुकानों के आवंटन को लेकर भाजपा जहां कांग्रेस पर हमलावर नजर आ रही है तो वहीं कांग्रेस इसका ठीकरा भाजपा पर उड़ती दिख रही है दरअसल अंबिकापुर नगर निगम की माली हालत बेहद खराब है।

यह राजस्व के स्रोत नहीं होने के कारण अंबिकापुर नगर निगम अपने कर्मचारियों का वेतन भुगतान भी अपने दम पर नहीं कर पाता ऐसे में लगातार यह सवाल उठते रहे हैं कि आखिर अंबिकापुर नगर निगम अपने राजस्व को बढ़ाने के प्रयास क्यों नहीं करता। मगर ऐसा लगता है कि अंबिकापुर नगर निगम अपने राजस्व को बढ़ाने के प्रयास नहीं कर रहा। क्योंकि अंबिकापुर नगर निगम के कई पॉश इलाकों में ऐसे दुकान बनकर तैयार हैं। जिनका आवंटन होने पर न सिर्फ अंबिकापुर नगर निगम को बेहतर आय होती बल्कि सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिल पाता इन दुकानों को बने 7 साल से ज्यादा का समय बीत गया है, मगर इसका आवंटन अब तक नहीं हो सका है।

ऐसे में भाजपा का आरोप है कि नगर निगम की कांग्रेस सरकार इसे लेकर ध्यान नहीं दे रही और दुकानों पर अवैध कब्जा हो रहा है जिससे निगम को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। भाजपा ने इन दुकानों के जल्द आवंटन की मांग की है वहीं दूसरी तरफ महापौर डॉ अजय तिर्की का कहना है कि दुकाने भाजपा शासनकाल में बनी थी और इन दुकानों को नियम विरुद्ध बना दिया गया।  ऐसे में इनके आवंटन की प्रक्रिया जारी है और इसका जल्द ही आवंटन किया जाएगा।

अब भले ही भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप मढ़ रहे हो। मगर सवाल यही है कि आखिर करोड़ों की लागत से बनी इन दुकानों का आवंटन अब तक क्यों नहीं हो सका है। क्योंकि दुकानों के आवंटन से राजस्व की आय तो होती ही साथ ही साथ जरूरतमंद लोगों को भी इसका लाभ मिल सकेगा।

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