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राजस्थान में भारी बारिश से रावण के पुतले बह गए, देशभर में 1500 मौतें

अक्टूबर में 15 प्रतिशत ज्यादा वर्षा का अनुमान

जयपुर। देशभर से मानसून आधिकारिक रूप से विदा हो गया है, लेकिन बारिश का दौर थम नहीं रहा। राजस्थान में मंगलवार को झमाझम बरसात हुई, जिससे जयपुर और सीकर की सड़कों पर 2 से 3 फीट पानी भर गया। जयपुर में दशहरा पर रावण दहन के लिए तैयार पुतले पानी में बह गए, वहीं कोटा का 221 फीट ऊंचा विश्व रिकॉर्ड दर्ज कराने वाला रावण का पुतला भी भीग गया। मौसम विभाग ने 2 अक्टूबर दशहरे तक तेज बारिश की चेतावनी दी है।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, इस साल जून से सितंबर तक मानसून सीजन में 937.2 मिमी बारिश दर्ज हुई, जो सामान्य से 8% अधिक है। चार महीने में औसतन 868.6 मिमी वर्षा होती है। इस दौरान देशभर में बाढ़, भारी बारिश और बिजली गिरने से कुल 1520 लोगों की जान गई। इनमें से 935 मौतें बाढ़ और भारी बारिश से जबकि 570 मौतें बिजली गिरने और आंधी से हुईं। मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 290 मौतें दर्ज की गईं। IMD ने अनुमान जताया है कि अक्टूबर में सामान्य से 15% अधिक वर्षा हो सकती है। दक्षिण भारत के राज्यों—तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक में मानसून के बाद भी अच्छी बारिश होने की संभावना है।

बारिश से दशहरे के आयोजनों पर भी असर पड़ा है। जयपुर और दिल्ली में रावण के पुतले खराब हो गए, जिससे रामलीला समितियों को लाखों का नुकसान हुआ। यूपी के मथुरा और राजस्थान के टोंक में जलभराव से वाहन फंस गए और लोगों को रेस्क्यू करना पड़ा। वहीं छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और बिहार में अगले कुछ दिनों तक बारिश और आंधी-बिजली का अलर्ट जारी है।

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