रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दंतेवाड़ा जिले में बाढ़ के चलते 100 से अधिक गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका है। अब तक पांच लोगों की मौत और 17 पशुओं के बहने की खबर है। करीब 200 से ज्यादा मकान ढह गए, जबकि 15 से अधिक पुल-पुलिए टूटने से यातायात बाधित है। पनेड़ा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुल का अप्रोच बह जाने से लगभग 20 घंटे तक आवागमन बंद रहा।
भारी बारिश से इंद्रावती, शंखनी और डंकनी नदियां उफान पर हैं। इससे आसपास के गांवों में पानी भर गया और बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। अनुमान है कि अब तक लगभग 50 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। वायुसेना और SDRF की टीम लगातार रेस्क्यू अभियान चला रही है। अब तक 2196 लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है। इनमें दंतेवाड़ा के 1116, सुकमा के 790, बीजापुर के 120 और बस्तर के 170 लोग शामिल हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रभावित जिलों बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और बस्तर में राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और शिविरों में भोजन, दवा व आवश्यक सामग्री की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इस बीच, दरभा घाटी में उफनते नाले को पार करते समय एक कार बह गई, जिसमें तमिलनाडु से आए दंपति और उनके दो बच्चों की मौत हो गई। ड्राइवर ने तैरकर जान बचाई। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर एरिया के कारण दक्षिण छत्तीसगढ़ में अगले दो दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। कोंडागांव, कांकेर और 13 अन्य जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है।