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एथेनॉल युक्त पेट्रोल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज संभव, याचिका में उठे गंभीर सवाल

दिल्ली। पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने की केंद्र सरकार की योजना पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। वकील अक्षय मल्होत्रा द्वारा दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP-20) से लाखों वाहन प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि यह उनके इंजनों के अनुकूल नहीं है।

याचिका में मांग की गई है कि तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को सभी पेट्रोल पंपों पर एथेनॉल-मुक्त ईंधन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही देशव्यापी अध्ययन कराया जाए, जिससे पता चल सके कि इस ईंधन से गैर-अनुपालन वाले वाहनों पर क्या असर पड़ रहा है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि 2023 से पहले बने वाहन और कुछ बीएस-6 मॉडल उच्च एथेनॉल वाले ईंधन के लिए उपयुक्त नहीं हैं। ऐसे में वाहन मालिकों को पंपों पर असहाय छोड़ दिया गया है और उन्हें मजबूरी में ऐसा ईंधन खरीदना पड़ रहा है जो उनकी गाड़ी को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा पंपों पर ग्राहकों को पहले से सचेत करने की व्यवस्था भी नहीं है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि अमेरिका और यूरोप में एथेनॉल-मुक्त ईंधन उपलब्ध कराया जाता है और वहां पेट्रोल पंपों पर स्पष्ट रूप से लिखा होता है कि ईंधन में कितना एथेनॉल मिला है। भारत में ऐसी कोई पारदर्शिता नहीं है। साथ ही दावा किया गया है कि एथेनॉल मिश्रण से इंजन के क्षरण, ईंधन क्षमता में कमी और मरम्मत खर्च में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि बीमा कंपनियां ऐसे नुकसान के दावों को खारिज कर रही हैं।

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